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गंगा से खिलवाड़ है टेनरियों का दूषित उत्प्रवाह

कानपुर, जागरण संवाददाता: गंगा को निर्मल-अविरल करने को लेकर एनजीटी की सख्ती देखते हुए सरकार ने कहा है

By Edited By: Published: Sat, 06 Feb 2016 01:29 AM (IST)Updated: Sat, 06 Feb 2016 01:29 AM (IST)
गंगा से खिलवाड़ है टेनरियों का दूषित उत्प्रवाह

कानपुर, जागरण संवाददाता: गंगा को निर्मल-अविरल करने को लेकर एनजीटी की सख्ती देखते हुए सरकार ने कहा है कि गंगा में टेनरियों का प्रदूषित उत्प्रवाह नहीं जाने देंगे, लेकिन अभी तो कोई ऐसा प्लान ही नहीं है कि कैसे टेनरी की गंदगी को रोकेंगे। बड़ा सवाल है कि टेनरियों के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए प्लांट की क्षमता बढ़ाए बिना आखिर गंगा प्रदूषण पर रोक कैसे लगेगी।

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नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की फटकार के बाद सरकार गंगा सफाई को लेकर तमाम कवायद करने की कोशिश करती दिख रही है। ऐसे में गंगा प्रहरियों का कहना है कि जब कानपुर में टेनरियों की संख्या बढ़ रही थी तो रोक के लिए बना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड क्या कर रहा था? सबको पता था कि यहां टेनरी के दूषित पानी को ट्रीट करने की क्षमता सिर्फ नौ एमएलडी है, ऐसे में गंगा साफ कैसे रह पाएंगी। टेनरी के पानी को ट्रीट करने के लिए वर्ष 1994 में जाजमऊ में गंगा एक्शन प्लान के तहत 36 एमएलडी शोधन क्षमता का कामन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया था इसमें 27 एमएलडी सीवरेज के पानी को ट्रीट करने के साथ नौ एमएलडी टेनरी के पानी को ट्रीट करने की व्यवस्था की गयी थी। उस समय शहर में 173 टेनरी थीं। आज हालत यह है कि सवा चार सौ टेनरियां हो गयी हैं। ऐसे में यह समझना कठिन नहीं है कि कितना दूषित पानी आता होगा और कितना ट्रीट होता होगा।

इस मामले में वर्ष 2013 में जल निगम के पूर्व महाप्रबंधक शारद सेमवाल की अगुवाई में सेटर लेदर रिचर्स इंस्टीट्यूट (सीएलआरए) ने जांच की तो पाया कि करीब पचास एमएलडी टेनरी का दूषित पानी आ रहा है। इसमें नौ एमएलडी ट्रीट हो रहा है बाकी सीधे गंगा में जा रहा है। इस पर केंद्र सरकार ने नये ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की जिम्मेदारी सीएलआरए को दी गयी। उसने टेनरी के दूषित पानी को ट्रीट करने के लिए 50 एमएलडी क्षमता के प्लांट का खाका खींचा है। जीरो लिक्विड डिस्चार्ज वाले इस प्लांट के निर्माण का डीपीआर 16 सौ करोड़ रुपये का बना है। बाद में तय हुआ कि 25 एमएलडी क्षमता का प्लांट बनाया जाएगा। संसद की इस्टीमेट कमेटी के चेयरमैन डॉ मुरली मनोहर जोशी की टीम ने पिछले दिनों गंगा का हाल देखा था। इस दौरान नगर विकास सचिव एसपी सिंह ने कहा कि टेनरी के पानी को ट्रीट करने के लिए 25 एमएलडी प्लान को अपग्रेड किया जाएगा। अब कब यह प्लान अपग्रेड होगा और कब टेनरियों का दूषित पानी ट्रीट होगा, कोई नहीं जानता।


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