अर्द्धशती पूर्व के स्वाद संग गंगा दर्शन
कानपुर, जागरण संवाददाता: 45 से 50 साल बाद किसी ऐसे स्थान पर आना जहां से जिंदगी की उड़ान शुरू हुई हो अ
कानपुर, जागरण संवाददाता: 45 से 50 साल बाद किसी ऐसे स्थान पर आना जहां से जिंदगी की उड़ान शुरू हुई हो अपने आप में रोमांचक व संवेदनात्मक अनुभव होता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के पूर्व छात्रों ने यहां मेस में अर्द्धशती पूर्व के स्वाद का अनुभव लिया और गंगा दर्शन के साथ विदाई ली।
आईआईटी में पिछले दिनों यहां 1965-70 के बैच में पढ़े पूर्व छात्र अपने परिवार के साथ पहुंचे। उस समय ये छात्र हाल - एक में रहते थे इसलिए रविवार को अंतिम दिन उन्होंने सुबह इसी के मेस में सालों साल की पसंद जलेबी व पराठे का नाश्ता किया। वही पुराना स्वाद, उन दिनों का धमाल और उससे जुड़ी घटनाएं याद कीं।
पूर्व छात्र बताते है कि उन दिनों शहर में बिठूर उनके लिए विशेष पर्यटन स्थल हुआ करता था। इसलिए उन्होंने शहर के मॉल, मल्टीप्लेक्स के बजाय बिठूर जाना पसंद किया। उन्होंने गंगा दर्शन के साथ वहां के घाट देखे। बदले बदले बिठूर को देख वे आपस में पहले कभी कैसा था बिठूर की चर्चा करते रहे। जिन कुछ पूर्व छात्रों की शनिवार को निदेशक इंद्रानिल मन्ना से भेंट नहीं हो पाई थी, उन्होंने निदेशक से भेंट करके अनुभव साझा किए और संस्थान को मदद का आश्वासन दिया।