ट्रीटमेंट प्लांट में एनजीटी टीम ने देखी हकीकत
कानपुर, जागरण संवाददाता : जाजमऊ स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) टी
कानपुर, जागरण संवाददाता : जाजमऊ स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) टीम ने शनिवार को प्रदूषित पानी के शोधन की व्यवस्था का जायजा लिया। टीम ने अधिकारियों से जानकारी लेने के साथ ही प्लांट के अलग अलग टैंक से सीवेज के नमूने भरे। टीम कई अन्य शहरों में जाएगी और वहां गंगा में प्रदूषण का स्तर मापेगी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की चार सदस्यीय टीम ने प्लांट में सीवेज टैंक के साथ ही घरेलू व टेनरी सीवेज की स्थिति देखी। इसके बाद टीम ने रिएक्टर देखा जहां सीवेज शोधन के बाद आता है। सीवेज से निकलने वाले स्लज को कहां डंप किया जा रहा है और उसके निस्तारण के बारे में सदस्यों ने जल निगम व नगर निगम के अधिकारियों से जानकारी ली। प्लांट के अलग अलग टैंक से स्केल के जरिये सीवेज में पीएच की मात्रा नापी और उसे दर्ज किया। टीम ने जांच के लिए सीवेज के नमूने भरे। टीम के साथ जल निगम, प्रदूषण विभाग व नगर निगम के अधिकारी मौजूद रहे।
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कई स्थानों पर नापा जाएगा गंगा का प्रदूषण
एनजीटी ने एक कमेटी गठित की है जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के प्रदूषण बोर्ड व आईआईटी दिल्ली के सदस्य शामिल है। यह कमेटी उत्तराखंड से लेकर अन्य राज्य में गंगा के जल में प्रदूषण का स्तर जांचेगा। इसके लिए कन्नौज, फर्रूखाबाद, इलाहाबाद व बनारस भी टीम जाएगी। इस कमेटी को बनाने का उद्देश्य यह है कि गंगा का पानी किस स्थान पर किस मात्रा में प्रभावित होकर प्रदूषित हो रहा है उसकी रिपोर्ट देना है।
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प्लांट में आ रहा जमकर क्रोमियम
प्लांट में आ रहे सीवेज में जमकर क्रोमियम आ रहा है। वहीं यह हाल तब है जबकि सीवेज में घरेलू सीवेज मिला होता है। एनजीटी टीम ने क्रोमियम देख टेनरियों में क्रोमियम प्लांट यूनिट होने के बाद भी इतना क्रोम आने पर हैरानी जताई। इससे सवाल उठता है कि टेनरियों में लगे प्लांट ठीक से काम नहीं कर रहे। वहीं क्रोम से प्लांट में लगी सीवेज की मात्रा नापने की मशीन तीन बार मरम्मत के बाद खराब हो चुकी है। टीम को सीवेज की मात्रा जानने के लिए मैन्यूवल व्यवस्था का सहारा लेना पड़ा।