पत्रकारिता के क्षेत्र में चुनौतियां और बढ़ेंगी
कानपुर, जागरण संवाददाता : पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ेंगी। गैजेट्स
कानपुर, जागरण संवाददाता : पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ेंगी। गैजेट्स का जमाना है जिसके चलते दुनिया की खबरें अब मुट्ठी में आ गई हैं। पाठक लंबी और फैली हुई खबरों को पढ़ना नहीं चाहता। वे ऐसी खबर पढ़ना पसंद करते हैं जो कम शब्दों में उन्हें सटीक जानकारी देने के साथ गुदगुदाएं। ये बातें जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन के 11वें ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दौरान दैनिक जागरण के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडीटर प्रशांत मिश्र ने कहीं।
छात्रों को पत्रकारिता के बदलते स्वरूप व उसकी चुनौतियों से परिचित कराते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्हें तैयार रहना चाहिए। इस दौरान उन्होंने छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए उनके प्रश्नों के जवाब भी दिए। इंस्टीट्यूट के आशुतोष, कोमल, अंजली व प्रज्ञा समेत अन्य छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के स्वरूप में बेशक परिवर्तन हुए हों लेकिन खबर की विश्वसनीयता व साख में बदलाव नहीं हुआ है। आज भी पाठक की नजर खबर की विश्वसनीयता पर होती है। उन्होंने छात्रों को लगातार सीखने की प्रेरणा देते हुए कहा कि वह आज भी खुद को विद्यार्थी ही मानते हैं, इसलिए सीखने का प्रयास करते रहते हैं। जो नहीं सीखते वे आउटडेटेड हो जाते हैं। पत्रकारिता जनता के हितों की प्रहरी है। इसलिए आने वाले समय में चुनौतियों को देखते हुए पत्रकारों का दायित्व और बढ़ जाता है। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता की शिक्षा व व्यावहारिक पत्रकारिता में अंतर है। इसे पढ़ाई के दौरान ही सीखने की जरूरत है।
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ट्रिपल सी पर टिकी पत्रकारिता :
इस दौरान जागरण एजुकेशन फाउंडेशन के सीईओ डा. जेएन गुप्ता ने कहा कि आज की पत्रकारिता ट्रिपल सी पर टिकी हुई है। इनमें एक का अर्थ सेलेब्रिटी, दूसरे का अर्थ क्रिकेट व तीसरे का अर्थ क्राइम है। कार्यक्रम में इंस्टीट्यूट के निदेशक एसपी त्रिपाठी ने बताया कि खबरों की रफ्तार आज इतनी तेज है कि जो बातें पहले 20 वर्ष के युवा समझ पाते थे, आज वह दस साल का बच्चा समझ जाता है। इस मौके पर जागरण कालेज ऑफ आर्ट्स साइंस एंड कॉमर्स के निदेशक डा. एमपी गुप्ता, पूर्णचंद्र विद्या निकेतन के प्रधानाचार्य भाष्कर गैंटी आदि मौजूद थे।