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छज्जू की जगह लेगा मलेशिया का चिंपैंजी

कानपुर,जागरण संवाददाता: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द प्राणिउद्यान में मलेशिया का चिंपैंजी दर्शकों को ल

By Edited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 08:31 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 08:31 PM (IST)
छज्जू की जगह लेगा मलेशिया का चिंपैंजी

कानपुर,जागरण संवाददाता: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जल्द प्राणिउद्यान में मलेशिया का चिंपैंजी दर्शकों को लुभाएगा। यही नहीं महीनों से सूने और खाली पड़े छज्जू (चिंपैंजी) के बाड़े में भी खोई हुई रौनक लौटेगी क्योंकि उसे यहां ही रखा जाएगा। अभी इस पर जू के अफसर विचार कर रहे हैं। जानवरों की अदला-बदली संबंधी होने वाली अहम बैठक में आज इस पर अंतिम मुहर लगेगी।

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जू निदेशक दीपक कुमार का कहना है कि दर्शकों की मांग को देखते हुए छज्जू जैसा दूसरा चिंपैंजी लाने पर विचार कई दिनों से चल रहा था। फिर चिकित्सकों और अफसरों ने इंटरनेट से जानकारी कर ये पता किया कि देश भर के किसी जू से चिंपैंजी लाना संभव नहीं है क्योंकि उनकी संख्या बेहद कम है। इसके बाद मलेशिया से लाने पर विचार किया गया हालांकि अंतिम मुहर या निर्णय अभी नहीं लिया गया है। सहायक वन संरक्षक ने बताया कि चिंपैंजी को लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही प्रयास करना होगा। बोले इतना बड़ा निर्णय लेने के लिए शासन से भी अनुमति लेनी होगी।

दूसरे जानवरों को भी लाने की तैयारी: चिंपैंजी के साथ ही कुछ अन्य नए जानवरों को भी यहां लाने की तैयारी है। अफसरों का कहना है, कई हिरन, नीलगाय और हिप्पो सरीखे कई ऐसे जानवर यहां हैं जिनकी संख्या प्राणिउद्यान में ज्यादा है। उनसे जानवर बदले जा सकते हैं।


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