काले गुब्बारे उड़ा किया मंडी शुल्क का विरोध
कानपुर, जागरण संवाददाता : किराना वस्तुओं को कृषि उत्पाद के दायरे में शामिल कर मंडी शुल्क लगाने का व्
कानपुर, जागरण संवाददाता : किराना वस्तुओं को कृषि उत्पाद के दायरे में शामिल कर मंडी शुल्क लगाने का व्यापारी संगठनों ने विरोध कर दिया है। सोमवार को कानपुर उद्योग व्यापार मंडल श्याम बिहारी गुट ने काले गुब्बारे उड़ाए तो किराना मर्चेट्स एसोसिएशन ने कैंडिल मार्च निकालकर नारेबाजी की।
व्यापार मंडल अध्यक्ष विजय पांडेय, महामंत्री विनोद गुप्ता व कोषाध्यक्ष सुनील बजाज के नेतृत्व में शकरपट्टी में एकत्र हुए व्यापारी जुलूस की शक्ल में घंटाघर पहुंचे। यहां मंडी शुल्क के विरोध में काले गुब्बारे उड़ाकर नारेबाजी की। इसके बाद नयागंज बाजार में घूमकर काली पट्टी बांटी गई। मंगलवार को व्यापारी दो घंटे देर से दुकानें खोलेंगे। यह निर्णय पेट्रोल पंप संचालकों की बंदी के समर्थन के मद्देनजर लिया गया है। यहां राजेश गुप्ता, ईश्वर चंद्र वर्मा, पप्पू त्रिवेदी, गोपी कृष्ण ओमर, दीपक सिंह, रामेश्वर गुप्ता थे।
किराना मर्चेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश बाजपेई के नेतृत्व में नयागंज से कारोबारियों ने कैंडिल मार्च निकालकर काजू, बादाम, छुहारा व किशमिश आदि को मंडी शुल्क के दायरे में लाए जाने पर विरोध दर्ज कराया। कैंडिल मार्च में कारोबारी घंटाघर स्थित भारत माता प्रतिमा तक गए। कानपुर वनस्पति एवं आयल एसोसिएशन के महामंत्री मनोज कपूर, वीरेंद्र विश्नोई, अनुराग पांडेय, विजय अग्रवाल, पंकज गुप्ता, अनुज गुप्ता, पुरु मिश्रा, गौरव भसीन, मनोज अग्रवाल, पवन गुप्ता, पुखराज जैन व राहुल भाटिया थे।
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प्रदेश की पैदावार पर ही लागू हो मंडी शुल्क
कानपुर : खाद्य तेल व सूखे मेवों को कृषि उत्पादन में शामिल किए जाने के विरोध में सोमवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के महामंत्री ज्ञानेश मिश्र की अगुवाई में व्यापारियों ने गल्ला मंडी परिसर स्थित उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संभागीय कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान व्यापारियों ने खाद्य तेल और सूखे मेवो को कृषि उत्पादन में शामिल करने पर नाराजगी जताई। व्यापारियों ने मंडी में जुलूस निकाल कर विरोध जताया।
व्यापार मंडल महामंत्री ने बताया कि प्रदेश में मंडी शुल्क का दायरा बढ़ता जा रहा है। इससे कहीं न कहीं मंहगाई बढ़ेगी। कई नई वस्तुओं पर मंडी शुल्क लगाया जा रहा है। तिलहन में पहले ही मंडी शुल्क लागू है। इसके बाद भी खाद्य तेल को कृषि उत्पाद के दायरे में लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राजमा, काली मिर्च व सूखा मेवा प्रदेश की पैदावार नहीं है। छुआरा पाकिस्तान व अन्य देशों से आयात होकर आता है। सरकार को चाहिए कि प्रदेश की पैदावार पर ही मंडी शुल्क लगाएं। उन्होंने कहा कि आदेश की वापसी तक उन आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने संभागीय उप निदेशक प्रशासन डॉ. अमित यादव को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर अजय बाजपेई, कमल त्रिपाठी, दुर्गेश त्रिपाठी, सत्या प्रकाश गुप्ता, अर¨वद गुप्ता, अजय शर्मा, अनिल अग्रवाल, राजीव गुप्ता आदि मौजूद रहे।