ज्योति हत्याकांड में 30 को तय हो सकते आरोप
कानपुर, जागरण संवाददाता : ज्योति हत्याकांड में सोमवार को जनपद न्यायाधीश अरूण कुमार गुप्ता की अदालत म
कानपुर, जागरण संवाददाता : ज्योति हत्याकांड में सोमवार को जनपद न्यायाधीश अरूण कुमार गुप्ता की अदालत में सुनवाई शुरू हुई। सभी पक्षों ने आरोप को लेकर हुई बहस में अपनी दलीलें दीं। अभियोजन के मुताबिक 30 जुलाई को आरोप तय हो सकते हैं।
ज्योति हत्याकांड के आरोपियों पर सोमवार को अदालत में आरोप तय करने को लेकर बहस हुई। विशेष लोक अभियोजक दामोदर मिश्र के मुताबिक मनीषा मखीजा के अधिवक्ता की ओर से डिस्चार्ज (आरोप से मुक्त) पर कहा गया कि सीधे तौर पर उनकी मुवक्किला के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है। किसी गवाह ने भी मनीषा की घटना में संलिप्तता की बात नहीं कही। विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक श्री मिश्र ने कहा कि ज्योति के पिता शंकर नागदेव, मां मायादेवी, ताऊ राजा नागदेव और भाई विशेष ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा था कि मनीषा पीयूष से मिलकर ज्योति को रास्ते से हटाना चाहती थी। गवाह पुजारी त्रिवेणी शंकर दीक्षित ने भी पूजा, पाठ के जरिये संबंध सही कराने का दावा करने की बात स्वीकार की थी। आरोपी अवधेश ने भी अपने बयान में कहा था कि मनीषा के कहने पर पीयूष ने ज्योति को रास्ते से हटाने के लिए पैसे दिए थे।
श्री मिश्र ने बताया कि पीयूष के अधिवक्ता की ओर से लिखित में अपनी बात कही गई और पीयूष के पिता, मां, भाई के खिलाफ पुलिस द्वारा लगाई गई धाराओं में आरोप न बनने की दलील दी। वहीं आरोपी रेनू कनौजिया की ओर से अधिवक्ता अहमद अली खान ने कोई बरामदगी न होने की बात कही। शासकीय अधिवक्ता धर्मेद्र पाल सिंह के मुताबिक अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अगली सुनवाई पर ज्योति हत्याकांड के आरोपियों पर आरोप तय हो सकते हैं।
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गिरने से चुटहिल हुआ पीयूष
पेशी पर आया पीयूष चलने में लंगड़ा कर चल रहा था। वह जेल में फिसल कर गिर गया था जिससे चोट लग गई।