जेल में तो नहीं बनी हमले की साजिश
कानपुर, जागरण संवाददाता: अधिवक्ता विकास सिंह उर्फ विक्की पर हमले के मामले में पुलिस उससे जुड़े पुराने
कानपुर, जागरण संवाददाता: अधिवक्ता विकास सिंह उर्फ विक्की पर हमले के मामले में पुलिस उससे जुड़े पुराने मामलों के तार जोड़ने में जुटी है। विकास से जुड़े दो बड़े मामलों में आरोपी जेल में रह चुके हैं। इनमें एक मामले में सजा के बाद अभियुक्त जेल में है तो दूसरे में जमानत के बाद बाहर आ गए हैं।
छह माह पहले बार एसोसिएशन के चुनाव के दौरान विक्की का उसके क्षेत्र में रहने वाले छात्र नेता मोहित श्रीवास्तव से विवाद हुआ था। मोहित और विक्की में मारपीट के बाद मोहित की पत्नी ऋचा ने ग्वालटोली थाने में विक्की और उसके भाई अनिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था जबकि विक्की ने मोहित श्रीवास्तव, उसके दोस्त बउआ और मुन्नू के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मुन्नू और बउआ को जेल भेज दिया था जबकि मोहित इस मामले में फरार चल रहा है। बउआ मार्च में जमानत पर छूट गया था, जबकि मुन्नू दस दिन पहले बाहर आया है। वहीं 2008 में हुए सनी गिल हत्याकांड के तार भी विक्की हमले से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। आठ साल पहले डीएवी कालेज में हुए छात्र संघ चुनाव के बाद जब लालबंगला में छात्र जीत का जश्न मना रहे थे तभी छात्र नेता सनी गिल की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इसमें सपा नेता बंटी सिंह सेंगर, भाजपा नेता छोटू त्रिपाठी और आशीष साहू पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था। विकास ंिसह उर्फ विक्की ठाकुर इस मामले में गवाह हैं। मामले की सुनवाई सीतापुर कोर्ट में हुई। वहां से तीनों आरोपियों को सजा हो चुकी है। आशीष इस समय जेल में है जबकि बाकी दोनों जमानत पर हैं।
पुलिस के मुताबिक विकास से परेशान मोहित और बंटी सिंह सेंगर ने हाथ मिला लिया। जेल में मन्नू चौरसिया और आशीष साहू ने रणनीति बनाई। फिर मोहित और बंटी ने मिलकर उसे अंतिम रूप दिया। विकास को ठिकाने लगाने के लिए भाड़े के हत्यारों को सुपारी दी गयी। विक्की के घर से निकलने से पहले उसकी रेकी की गयी और फिर पूरी रणनीति के तहत हमला हुआ।