शासन में उठेगा कूड़ा का मामला
कानपुर, जागरण संवाददाता: समग्र विकास योजना के कामों को लेकर मुख्य सचिव के साथ होने वाली बैठक में शहर
कानपुर, जागरण संवाददाता: समग्र विकास योजना के कामों को लेकर मुख्य सचिव के साथ होने वाली बैठक में शहर में एकत्र हो चुके साढ़े तीन लाख टन कूड़े का मामला गूंजेगा। इसको लेकर नगर निगम व केडीए के अफसरों ने अपने-अपने जवाब तैयार कर रहे हैं।
एटूजेड के अनुबंध तोड़ने से घर-घर से गंदगी उठना बंद हो गया और प्लांट भी छह माह से बंद पड़ा है वहीं केडीए की प्लांट के पास बस रही न्यू ट्रांसपोर्ट नगर योजना भी फंस गई है। शहर की गंदगी का मामला पिछले छह माह से नगर विकास विभाग में लटका है। एटूजेड ने 13 अप्रैल को बचे जोन पांच व छह से कूड़ा उठाने से भी हाथ खड़े कर दिए हैं। अब नगर निगम अपने सीमित संसाधनों से कूड़ा उठा रहा है। घर-घर से गंदगी उठना बंद होने से अब लोग सड़क पर ही गंदगी फेंक देते हैं। इससे जगह-जगह गंदगी के ढेर लग रहे हैं। भाऊसिंह पनकी में स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में छह माह में साढ़े तीन लाख टन गंदगी एकत्र हो गई है। प्लांट गंदगी से पटा पड़ा है और सड़क पर भी फैल रही है। आस-पास के गांव वालों का जीना दूभर है। गर्मी में महामारी फैलना तय है। मुख्य सचिव आलोक रंजन की लखनऊ में होने वाली समग्र विकास योजना में कूड़ा भी मुद्दा बनेगा। कूड़े का निस्तारण नहीं होगा तो योजनाओं से क्या लाभ मिलेगा। नगर विकास विभाग में पहले ही मामला चल रहा है। तीन कंपनियों ने प्लांट चलाने का ऑफर दिया है। इन कंपनियों के चल रहे प्लांटों को निरीक्षण करके रिपोर्ट भी शासन को भेज दी है। अब शासन को स्वीकृति देनी है।
केडीए भाऊसिंह पनकी के पास न्यू ट्रांसपोर्ट योजना बसा रहा है। प्लांट के चलते ट्रांसपोर्टरों ने जाने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले प्लांट हटाया जाए। उधर नगर निगम ने साफ कहा है कि 80 करोड़ रुपये प्लांट में लगे हैं, अब प्लांट नहीं हट सकता है। इसके लेकर दोनों विभाग दस्तावेज तैयार कर रहे हैं। अब देखना यह है कि शहरवासियों को कब राहत मिलेगी।