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कानपुर तूने मुझे जिंदगी दे दी..

कानपुर, जागरण संवाददाता: ए भाई जरा देख के चलो आगे ही नहीं पीछे भी..मशहूर गीतकार व कवि पद्मभूषण गोपाल

By Edited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 12:19 AM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 12:19 AM (IST)
कानपुर तूने मुझे जिंदगी दे दी..

कानपुर, जागरण संवाददाता: ए भाई जरा देख के चलो आगे ही नहीं पीछे भी..मशहूर गीतकार व कवि पद्मभूषण गोपालदास नीरज की यह पंक्तियां जब उनकी ही आवाज में लाजपत भवन में गूंजी तो पूरा प्रेक्षागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मौका था पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के सम्मान में स्मृति संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'अटल जी के नाम नीरज की शाम' का।

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उन्होंने सुनाया कि 'कानपुर तूने मुझे जिंदगी दे दी, लेकिन रहने के लिए तीन गज जमीन नहीं दी'। 'शायद मैं हार गया और समय जीत गया'। 'अबकी सावन में शराब की बरसात होगी'। 'एक मुसाफिर हम है एक मुसाफिर आप'। 'अब तो मजहब कोई ऐसा लाया जाए जिसमें इंसान को इंसान बनाया जाए'। 'आज तक हमसे हमारी मुलाकात न हुई'। 'किसी की आंख खुली रही किसी को नींद आ गई' सुनाकर तालियां बटोरीं। इसके पहले नीरज जी ने अटल जी के संस्मरण सुनाते हुए कहा 1946-47 में अटल जी से परिचय हुआ, कवि सम्मेलन में भाग लेने गए बारिश के कारण ट्रेन छूट गई, बस से जाने को पैसे नहीं थे, एक परिचित मिला तो उसके सहारे हम लोग (अटल जी व नीरज जी) वहां पहुंचे। बताया कि नेहरू जी ने अटल से कहा था तुम एक दिन प्रधानमंत्री बनोगे। स्मृति संस्था के राजेंद्र मिश्रा, सुमित मिश्र, एपी सिंह की तरफ से पद्म भूषण गोपाल दास नीरज को मुन्नू गुरु साहित्य अवार्ड से नवाजा गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा मेरा राजनीति में अटल जी से साबका नहीं हुआ, मेरा ग्वालियर के नाते उनसे रिश्ता था। देश में यदि अटल जी की सोच का अनुसरण हो तो देश विश्व के शिखर पर पहुंचेगा। अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ भाजपा नेता व सांसद डा.मुरली मनोहर जोशी ने कहा अटल जी से 1947 में साहित्यकार के रूप में, 1952 में उनके भाषण से परिचय हुआ। मुझसे कहते थे तुम इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हो गये मुझे यहां प्रवेश नहीं मिला था। जब पाक ने कहा कश्मीर के बिना पाक अधूरा है तो अटल जी ने कहा पाक के बिना हिन्दुस्तान अधूरा है। सर्वशिक्षा अभियान जो देश के लिये वरदान बना उसे अटल जी ने बगैर बहस के ही पास किया था। परमाणु विस्फोट ने देश को विश्व में पहचान दी थी।

अटल जी के निजी सचिव ने उन्हें मानवशिल्पी और दृढ़ निश्चयी बताया। अटल जी के भांजे व मुरैना से सांसद अनूप मिश्र बोले अटल जी कहते थे राजनीति बड़ी रपटीली राह है वह बहुत ही हंसमुख स्वभाव वाले थे। प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत बाजपेई ने कहा कि धार्मिक उन्माद के समय मेरठ आए तो उनका ड्राइवर माजिद था खुद खाना खाया और बोले उसका त्योहार है उसका भी ख्याल रखना। इस दौरान महापौर जगतवीर सिंह द्रोण, पूर्व सांसद ईश्वर चंद्र गुप्ता, विधायक सतीश महाना, सत्यदेव पचौरी, रघुनंदन सिंह भदौरिया आदि उपस्थित रहे।


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