गोविंदपुरी पुल की 'जुगाड़ू' मरम्मत बनी मुसीबत
कानपुर, जागरण संवाददाता : जर्जर गोविंदपुरी पुल की खबर 14 मार्च को दैनिक जागरण में छपने के बाद रेलवे
कानपुर, जागरण संवाददाता : जर्जर गोविंदपुरी पुल की खबर 14 मार्च को दैनिक जागरण में छपने के बाद रेलवे विभाग जागा लेकिन उसके जुगाड़ सिस्टम ने व्यवस्था और ध्वस्त कर दी। पुल की उखड़ी प्लेट को ठीक करने के बजाय लकड़ी के गुटके से दबा दिया। वाहनों के दबाव पड़ने से कभी भी उखड़ सकती है। वहीं पुल से करीब आधा फीट स्लैब की तरफ लकड़ी का गुटका निकले होने से दुर्घटना का सबब बन रहा है। रविवार को उससे कई वाहन सवार टकराकर गिर गए।
दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर 42 साल पहले बना गोविंदपुरी पुल शहर के उत्तर व दक्षिण क्षेत्र को जोड़ता है। इस पुल से रोज दो से ढाई लाख लोगों का आवागमन होता है लेकिन रखरखाव न होने से पुल जर्जर होता जा रहा है। वर्ष 2009 में पुल धसकने पर सेतु निर्माण व लोक निर्माण विभाग ने परीक्षण के बाद भारी व व्यावसायिक वाहनों के आने-जाने पर रोक लगा दी थी। पुल की हालत यह है कि अगर तुरंत भारी वाहनों व व्यावसायिक वाहनों पर रोक न लगी तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।