बेहिचक करें इंटरनेट पर ¨हदी का इस्तेमाल
कानपुर, जागरण संवाददाता : अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण इंटरनेट से कतराने वाले अब ¨हदी भाषा में वे
कानपुर, जागरण संवाददाता : अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण इंटरनेट से कतराने वाले अब ¨हदी भाषा में वेबसाइट, पेज व ब्लाग बनाकर अपने विचारों को दुनिया भर में पहुंचा सकेंगे। ¨हदी के अलावा अंग्रेजी के शब्दों को की-बोर्ड पर लिखकर उन्हें ¨हदी में अनुवाद करने की सुविधा देने वाले इस वेबसाइट की लांचिंग शनिवार को आईआईटी में पद्मश्री गिरिराज किशोर ने की।
आईआईटी मुंबई से इलेक्ट्रिकल इंजीनिय¨रग की डिग्री हासिल करने वाले अमितेष मिश्र ने ¨हदी भाषा का इस्तेमाल इंटरनेट पर करने के लिए (www.ह्यद्धड्डढ्डस्त्रड्डठ्ठड्डद्दड्डह्मद्ब.द्बठ्ठ) सॉफ्टवेयर इजाद किया। बाद में उनके साथ इस प्रोजेक्ट में वीआईटी वेल्योर से इंजीनिय¨रग करने वाले नितिन त्रिपाठी व वीआईईटी गाजियाबाद से इंजीनिय¨रग की डिग्री हासिल करने वाले निखिल तिवारी भी जुड़े। लांचिंग के दौरान साहित्यकार पं. राम नरेश त्रिपाठी व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतेंद्र कुमार द्विवेदी मौजूद थे।
पसंद के लेखक से जुड़ सकेंगे
शब्दनगरी वेबसाइट का इस्तेमाल लिखने की ख्वाहिश रखने वाले हर वह शख्स कर सकता है जिसको अभी तक इंटरनेट के माध्यम से ¨हदी में अपने विचार दूसरों तक पहुंचाने के लिए प्लेटफार्म नहीं मिला था। लेखन, कविता व कहानियों के अलावा छात्र विभिन्न विषयों के अध्ययन में भी ¨हदी के इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर सकते हैं। 2010 में शब्दनगरी वेबसाइट बनाने की शुरुआत करने वाले अमितेश बताते हैं कि दुनियाभर की अन्य भाषाओं में प्रति व्यक्ति दो वेबपेज बनते हैं जबकि ¨हदी में 50 हजार व्यक्ति पर केवल एक वेबपेज बनता है। उन्होंने बताया कि देश में 65 करोड़ ¨हदी भाषी हैं। इनमें से कई लोग ऐसे हैं जो अंग्रेजी की हिचकिचाहट के कारण इंटरनेट से नहीं जुड़ पाते हैं।
इन भाषाओं में औसत प्रति व्यक्ति इतने वेबपेज बनाता :
-अंग्रेजी : 2
-रशियन : 2
-फ्रेंच : 1.32
-जर्मन : 1.32
-अरबी : 1
-जापानी 0.84
-स्पेनिश 0.6
-¨हदी : 0.000021
वेबसाइट की उपयोगिता
-अपने पसंद के लेखकों से जुड़ने की सुविधा
-¨हदी भाषा में लिखने के चार भिन्न प्रकार के तरीके
-किसी प्रकार के लेख व रचनाओं को लिखने व ढूंढ़ने का मंच