वार्डनों की तैनाती में हुई मनमानी
कानपुर, जागरण संवाददाता: सिविल डिफेंस के पोस्ट वार्डनों की तैनाती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शह
कानपुर, जागरण संवाददाता: सिविल डिफेंस के पोस्ट वार्डनों की तैनाती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शहर में तैनात रहे उपनियंत्रकों ने गुपचुप ढंग से वार्डनों की तैनाती कर ली। पिछले दिनों तबादले के बाद कानपुर आए उप नियंत्रक रवींद्र कुमार ने पत्रावलियों की जांच की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। माना जा रहा है कि यहां आठ सौ ऐसे वार्डन हैं जिनकी तैनाती मनमाने ढंग से की गई। सिविल डिफेंस के आईजी ने पत्रावलियों का सत्यापन कर गलत ढंग से तैनात पोस्ट वार्डनों को हटाने के लिए कहा है।
शहर में प्राकृतिक आपदा या किसी आगजनी आदि में राहत और बचाव का कार्य करने के लिए सिविल डिफेंस पोस्ट वार्डन की तैनाती करता है। पोस्ट वार्डन सांप्रदायिक हिंसा, राशन कार्डो के सत्यापन आदि में भी प्रशासन की मदद करते हैं। पोस्ट वार्डन की तैनाती जिलाधिकारी या फिर उनके द्वारा नामित मजिस्ट्रेट करते हैं लेकिन यहां पांच वर्षो में तैनात उप नियंत्रकों ने मनमाने ढंग से गुपचुप तरीके से पोस्ट वार्डन की तैनाती की। अब यहां आए उप नियंत्रक रवींद्र सिंह ने एक दर्जन फाइलों को पलटा तो उनमें डीएम के हस्ताक्षर नहीं थे। उन्होंने मामले की जानकारी महानिरीक्षक अमिताभ ठाकुर को दी तो उन्होंने सभी फाइलों का सत्यापन कर बिना डीएम के अनुमोदन के तैनात पोस्ट वार्डन को हटाने के लिए कहा है। सूत्रों की मानें तो करीब आठ सौ पोस्ट वार्डन का हटना तय है। महानिरीक्षक ने सूबे के सभी उप नियंत्रकों से जांच करने के लिए कहा है ताकि अनियमितता उजागर हो सके। यह है तैनाती का नियम
सिविल डिफेन्स एक्ट 1968 की धारा 5(1) में वार्डन की नियुक्ति का अधिकार सिर्फ नियंत्रक के रूप में डीएम को है पर कानपुर नगर में इस नियम का उल्लंघन किया गया।
उप नियंत्रकों पर होगी कार्रवाई
जिन उप नियंत्रकों ने बिना डीएम की अनुमति के पोस्ट वार्डन की तैनाती की है उन पर भी कार्रवाई होगी। फिलहाल महानिरीक्षक ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है।
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पत्रावलियों की जांच के लिए 15 दिन का समय मिला है। जिनकी तैनाती में अनियमितता सामने आएगी उन्हें हटा दिया जाएगा। - रवींद्र कुमार, उप नियंत्रक सिविल डिफेंस