घर वापसी के बिना देश का विकास नहीं
कानपुर, जागरण संवाददाता : विभिन्न कारणों से दूसरे धर्मो को स्वीकार करने वाले लोग अब घर वापसी की राह
कानपुर, जागरण संवाददाता : विभिन्न कारणों से दूसरे धर्मो को स्वीकार करने वाले लोग अब घर वापसी की राह देख रहे हैं। हिंदू धर्म में उनकी पुन: वापसी के बिना देश का विकास नहीं हो सकता है।
यह बात विश्व हिंदू परिषद के मार्गदर्शक एवं पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंहल ने कही। वह आनंदपुरी में चल रहे मर्यादा महोत्सव में शामिल होने आए थे।
मर्यादा महोत्सव में आए विहिप नेता ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि घर वापसी अभियान से ही देश का विकास होगा। उनसे पूछा गया कि इस समय देश में विकास पर जोर दिया जा रहा है तो दूसरी ओर विहिप हिंदू धर्म में वापसी का अभियान चला रही है। उन्होंने ब्रह्मलीन देवरहा बाबा का उल्लेख करते हुए कहा था कि जब तक देश की धरती पर गाय का खून बहाया जाता रहेगा तब तक देश का विकास नहीं हो सकता है। हिंदू और गोरक्षा से ही देश के गांव-गांव का विकास होगा। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के बारे में पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर तो बनेगा ही। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि प्रयाग में संगम किनारे वट वृक्ष स्थित किले को आम जनता के लिए खोला जाए, इस पर अभी रक्षा विभाग का कब्जा है। संगम तट पर कल्पवास करने वाले लाखों लोग खुले आसमान के नीचे रहते हैं, किले के खुल जाने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।
युवाओं को पश्चिमी संस्कृति से वापस लाना होगा
विहिप नेता अशोक सिंहल ने मर्यादा महोत्सव में आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रवचन के बाद बोलते हुए कहा कि वसंत पंचमी के दिन कार्यक्रम में वह सेवा संकल्प का बंधन बांधने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय संसार में बड़ी शक्तियां खड़ी हो गई हैं, लेकिन भारत ने जिस शक्ति को खड़ा किया है उसमें जैन समाज की मान्यता है। दुनिया में बड़ी शक्तियां ¨हसा के बल पर खड़ी हुई हैं, जबकि जैन धर्म अ¨हसा के बल पर खड़ा है। आज का युवा पश्चिमी संस्कृति की ओर भाग रहा है जिसे वापस लाकर भारतीय संस्कृति से जोड़ने की जरूरत है।