जागते रहो, पुलिस सो रही है
अनुज शुक्ल, कानपुर : कोहरे में सिमटी सर्द रात और सन्नाटे में डूबी शहर की सड़कें। पुलिस की जगह एंबु
अनुज शुक्ल, कानपुर :
कोहरे में सिमटी सर्द रात और सन्नाटे में डूबी शहर की सड़कें। पुलिस की जगह एंबुलेंस के सायरन व इक्का-दुक्का वाहनों के हॉर्न की आवाज से टूटते इस सन्नाटे के बीच रविवार रात जब दैनिक जागरण की टीम शहर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने निकली तो हकीकत चौंकाने वाली थी। पुलिस पिकेट प्वाइंट व पुलिस सहायता केंद्र पर खाली कुर्सियां मुंह चिढ़ा रही थीं तो चौकियों पर पड़े ताले और खामोशी में डूबे थाने पुलिस मुस्तैदी की चुगली कर रही थी। कुछ संवेदनशील इलाकों (परेड चौराहा) तो नाका प्वाइंट (अफीम कोठी, रामादेवी) में पुलिस दिखी। यह नजारे हाइटेक कंट्रोलरूम व 100 डायल की गाड़ियों की दम पर घटना की सूचना के पांच मिनट में सहायता मुहैया कराने का दम भरने वाले अफसरों की बयानबाजी के धुर्रे उड़ाते दिखे। अब लूट हो या डकैती, चैन से सोना है तो खुद ही जागना पड़ेगा। रास्ते में भी खुद ही सचेत होकर चलना पड़ेगा।
समय-रात 1:06 बजे, स्थान-बारादेवी चौराहा (जूही)
यहां पर खाली पड़ी कुर्सी व मेज पुलिस की सक्रियता को दिखा रही थी। चंद कदम दूरी पर स्थित थाने में पहरा भी मुंशियाने में बैठकर ड्यूटी का टाइम काट रहा था। उसके आगे लूट प्वाइंट के नाम पर कुख्यात संजय वन रोड पर तो दूर पिकेट प्वाइंट तक पर कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं था। उसके आगे के ब्लाक किदवईनगर, यशोदानगर बाइपास व निजाम चौराहे तक पुलिस की एक गाड़ी तो दूर हूटर की आवाज तक सुनाई नहीं पड़ी।
समय-रात 1:23 बजे स्थान-श्याम नगर (चकेरी)
हाईवे से श्यामनगर नगर के बीच कुछ आवारा लड़के सड़क पर नशेबाजी करते दिखे पर कैमरा देखते ही भाग निकले। चौराहे पर बेरीकेडिंग तो थी पर उन्हें भागते वक्त रोकने वाला कोई नहीं।
समय-1:39 बजे, स्थान-नरौना चौराहा (फीलखाना)
यहां बेरीकेडिंग तो दूर पुलिस बूथ पर भी कोई नहीं था। चौराहे पर लगे दो ठेलों पर एक-एक बाइक पर तीन-तीन सवार युवकों का हुजूम लगा था। जो एक आटो वाले के तेज-रफ्तार में गाना न बजाने पर गाली-गलौज कर रहे थे। यहां भी पुलिस लापता थी।
समय-रात 1:47 बजे, स्थान-बड़ा चौराहा (कोतवाली)
दिन में शहर के सबसे व्यस्ततम इस प्रमुख चौराहे पर सुरक्षा के नाम पर सिपाही तो दूर एक होमगार्ड तक नहीं था। पुलिस सहायता बूथ में ताला था जबकि बगल में एसपी पूर्वी का निवास व कोतवाली है।
रात-1:58 बजे, स्थान-परेड चौराहा (बेकनगंज)
शहर के संवेदनशील इलाकों में एक। यहां पर थाना पुलिस का एक सिपाही विश्राम सिंह मौजूद था। इसके पीछे पीछे कारण यह भी था कि यहां पर पीएसी की ड्यूटी रहती है और पीएसी के रामकिशोर, दिलीप सिंह, राजेश कुमार, मो. समीर व सुधीर कुमार मुस्तैद थे। हालांकि इनकी शिकायत थी कि इतनी ठंड होने के बाद भी अलाव की व्यवस्था नहीं कराई गई जबकि कागजों में हर चौराहे पर अलाव जल रहा है।
2:10 बजे सीएसए चौराहा
वीआईपी रोड से रावतपुर तक सूनसान रोड पर रोकने व टोकने वाला कोई नहीं था। सीएसए चौराहे पर बने पुलिस बूथ के आसपास पास भी कोई नहीं था जबकि बताते चलें कि यहां पर ज्योति जैसे हाई प्रोफाइल मर्डर का पूरा खाका तैयार कर वारदात को अंजाम दिया गया था। साथ ही बीते माह सीएसए के एक प्रोफेसर की बेटी को फूंक दिया गया था जिसे पुलिस अभी भी आत्महत्या व हत्या में उलझाए है।
रात-2:15 बजे, स्थान-गोल चौराहा व रात 2:18 बजे, स्थान-गुमटी
दोनों पुलिस बूथों पर ताला बंद था। गोल चौराहा के पास एक महिला युवती संग संदिग्ध हालात में आटो के पास खड़ी थी। जिसे कुछ युवक घेरे थे। वहीं दूसरी तरफ गुमटी पुलिस बूथ में अंदर लाइट जल रही थी लेकिन सुनने वाला कोई नहीं था।
रात-2:23 बजे, स्थान-सफीगंज पुलिस चौकी
पुलिस चौकी का दरवाजा अंदर से ऐसे बंद जैसे वर्षों से खुला ही न हो। कई बार खटकाने व आवाज देने के बाद भी कोई प्रतिक्रिया न होने पर वहां से लौटना पड़ा। इन हालात को देखकर तो ऊपरवाले से यही प्रार्थना की जा सकती है कि किसी को इस चौकी से मदद की जरूरत न पड़े।