लाखों का माल, हजारों में 'निपटारा'
कानपुर, जागरण संवाददाता : लगातार कारोबारियों के उत्पीड़न की शिकायतों पर अब वाणिज्यकर मुख्यालय की नजर
कानपुर, जागरण संवाददाता : लगातार कारोबारियों के उत्पीड़न की शिकायतों पर अब वाणिज्यकर मुख्यालय की नजर अफसरों पर टेढ़ी हो गई है। माल पकड़ने के बाद ऑनलाइन अधूरी सूचनाओं के खेल पर नकेल कसी गई है। सूचनाओं की असलियत परखने को कमेटी निगरानी करेगी।
वाणिज्यकर कमिश्नर मृत्युंजय कुमार ने विभाग की विशेष अनुसंधान शाखाओं (एसआईबी) के कुछ प्रकरणों की जांच में पकड़े गए माल की कीमत आंकने में फर्जीवाड़ा पकड़ा। मुरादाबाद जोन में 50 लाख रुपये कीमत के माल को सिर्फ पांच लाख रुपये दिखाते हुए करापवंचना तय की। इसकी अनुमति संयुक्त आयुक्त स्तर से भी ले ली गई। इसी तरह कानपुर जोन में भी दो लाख के सामान को एक लाख कर दिया गया। इन प्रकरणों के पकड़ में आने के बाद मुख्यालय की नजरें सचल दल इकाइयों व एसआईबी में तैनात अफसरों पर टेढ़ी हो गई हैं। कमिश्नर के निर्देश पर एडीशनल कमिश्नर बीराम शास्त्री ने जोनल दफ्तरों में तैनात एसआईबी के संयुक्त आयुक्तों को पत्र भेजकर सचल दल इकाइयों के माल व कर निर्धारण को परखने के निर्देश भेजे गए हैं। इससे विभाग को नुकसान बचाने में मदद के साथ कर संग्रह में भी फायदा मिलेगा।
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ऐसे होता खेल
वाणिज्यकर विभाग में सचल दल इकाइयों के साथ ही एसआईबी टीमें पकड़े गए माल की कीमत कम दिखाकर कारोबारी से गुप्त समझौता कर लेते हैं। इससे करोड़ों का माल लाखों में दिखा दिया जाता है। इससे होने वाली कमाई का बंटवारा नीचे से ऊपर तक संबंधित अफसरों के बीच होता है। अब कमिश्नर के नए फैसले से इस पर पाबंदी लगेगी।