गंगा किनारे विकास की होगी पहरेदारी
कानपुर, जागरण संवाददाता : गंगा के प्रति मोदी सरकार की बढ़ती सख्ती और शुद्धिकरण के लिए हो रहे या होने
कानपुर, जागरण संवाददाता : गंगा के प्रति मोदी सरकार की बढ़ती सख्ती और शुद्धिकरण के लिए हो रहे या होने वाले कामों पर गठित कमेटी नजर रखेगी। इसकी रिपोर्ट प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार को देगी। साथ ही रिवर फ्रंट डेवलपमेंट की परियोजनाओं को तैयार करने व उसके कार्यान्वयन का कार्य अब सिंचाई विभाग के स्थान पर संबंधित विकास प्राधिकरण से कराने के आदेश दिए गए है।
निर्मल, अविरल गंगा के लिए अब तक शहर में अरबों रुपये खर्च हो गए है। वर्तमान समय में जवाहर लाल नेहरू नेशनल अरबन रिन्यूवल मिशन योजना के तहत छह सौ करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अभी भी गंगा साफ होती नजर नहीं आ रही है। इसके लिए गंगा रिवर बेसिन प्राधिकरण (एनजीआरबी) के तहत गंगा के शुद्धिकरण के लिए प्रोजेक्ट लाए जा रहे है। इसका मंथन कानपुर, इलाहाबाद व बनारस में चल रहा है। इसमें कानपुर ने एनजीआरबी के तहत 4.43 अरब रुपये के प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक सहमति मिल गई है और विश्वबैंक ने भी दे दी है। अब केवल डीपीआर (विस्तृत कार्ययोजना) को स्वीकृति मिलनी है।
इस बाबत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एनजीआरबी के तहत गठित राज्य कार्यकारी की बैठक में निर्णय लिया गया है कि कार्ययोजना में शामिल योजनाओं के डीपीआर प्राथमिकता पर पास कराते केंद्र सरकार को भेजा जाए। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना की नोडल एजेंसी विकास प्राधिकरण होगी और सिंचाई विभाग, नगर निगम व जल निगम सहयोग करेंगे। इसी के तहत मंडलायुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है जो निर्मल, अविरल गंगा के लिए हो रहे कामों पर नजर रखेगी। इस कमेटी में विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष सचिव व जिलाधिकारी, नगर आयुक्त, अन्य लाइन डिपार्टमेंट के मंडलस्तरीय अधिकारी सदस्य होगे।