धुआं-गर्द में जिंदगी बेदम
कानपुर, जागरण संवाददाता: जहां एक ओर दीपावली की खुशियां तो दूसरी तरफ प्रदूषण का गम है। खुदी सड़कों और
कानपुर, जागरण संवाददाता: जहां एक ओर दीपावली की खुशियां तो दूसरी तरफ प्रदूषण का गम है। खुदी सड़कों और कूड़ा जलाने के कारण प्रदूषण की मात्रा महज सप्ताह भर के भीतर ही कई गुना बढ़ गई है। सबसे ज्यादा समस्या श्वांस और दमा रोगियों के लिये हो गई है।
दीपावली और त्योहारों पर खरीदारी करने को शहर की खुदी और ऊबड़-खाबड़ सड़कों से निकले लोगों के वाहनों ने जमकर धूल उड़ाई। साथ ही शहर में सफाई के नाम पर खूब कूड़े के ढेर जलाए गए। इससे वातावरण में पीएम 10 (पर्टिकुलेट मैटर) की मात्रा अत्यधिक बढ़ गई। इससे श्वांस और दमा रोगियों का हाल-बेहाल हो गया।
ऐसे बच सकते हैं दुष्प्रभाव से
- नाक मुंह ढंककर सफाई करें।
- घर से बाहर निकलें तो मुंह ढंके रहें।
- दमा और अस्थमा रोगी दवा की एक्स्ट्रा डोज लें।- डॉ.आरएन द्विवेदी, वरिष्ठ चिकित्सक।
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सुबह 5- शाम 5
15 अक्टूबर- 37 58
16 अक्टूबर- 100 158
17 अक्टूबर- 407 211
18 अक्टूबर- 222 214
19 अक्टूबर- 274 246
20 अक्टूबर- 564 721
-सभी आंकड़े उत्तर प्रदेश पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से लिये गये हैं। सभी को मापने की इकाई माइक्रोग्राम प्रति मिलीमीटर है।
वर्जन:
शहर में गैसीय प्रदूषण कम बल्कि धूल से होने वाला प्रदूषण ज्यादा है। जिसकी प्रॉपर मानीटरिंग की जा रही है। मौसम ठंडा होने के कारण इसकी मात्रा जांच में अधिक आ रही है।-टीयू खान, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण विभाग।