कल्याणपुर से अनवरगंज तक दोहरीकरण नामुमकिन
कानपुर, जागरण संवाददाता: फर्रुखाबाद से अनवरगंज तक ट्रैक दोहरीकरण होना है लेकिन कल्याणपुर के बाद दूसरा ट्रैक बिछाया नहीं जा सकता क्योंकि ट्रैक के एक ओर जीटी रोड है तो दूसरी ओर घनी आबादी है। ऐसे में लाखों मकान हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता। इस दोहरीकरण को रेलवे बोर्ड रेल बजट में मंजूरी दे चुका है।
दरअसल फर्रुखाबाद रेलमार्ग को कासगंज, बरेली होते हुए लालकुआं से जोड़ दिया गया है और लालकुआं तक ट्रैक चालू होने के बाद इस रेल मार्ग पर ट्रेनों की संख्या 150 से अधिक हो जाएगी। रेल अधिकारियों ने सर्वे में पाया है कि एक ट्रैक पर इतनी ट्रेनों का संचालन मुमकिन नहीं है। ऐसे में दूसरा ट्रैक बिछाना जरूरी हो गया है। पिछले दिनों रेलवे अधिकारियों के सर्वे में स्पष्ट हो गया कि कल्याणपुर से अनवरगंज तक रेलवे लाइन के किनारे इतनी आबादी हो चुकी है कि दूसरी रेलवे लाइन बिछाना संभव नहीं है। अधिकारियों का मानना है कि एक ओर जीटी रोड है तो दूसरी ओर लाखों मकान, जिन्हें हटाया नहीं जा सकता।
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मंधना-पनकी ट्रैक ही विकल्प
मंधना से पनकी तक रेलवे अधिकारी कई बार सर्वे कर चुके हैं और सहमति जता चुके हैं कि पनकी तक नया ट्रैक बिछाकर पनकी से सेंट्रल स्टेशन तक बिछायी गयी तीसरी और चौथी लाइन में जोड़ना ही विकल्प है।
पनकी तक ट्रैक बिछाने से लाभ
ø मंधना से अनवरगंज तक 19 रेलवे क्रासिंग पर जाम खत्म हो जायेगा।
ø जीटी रोड भी जाम से मुक्त हो जायेगा।
ø रेलवे क्रासिंग पर आयेदिन होने वाली दुर्घटनाएं भी थम जाएंगी।
ø कई प्रमुख बाजारों का अस्तित्व बच जायेगा।
ø गुमटी नंबर, 80 फिट रोड की रौनक फिर बढ़ जायेगी।
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फर्रुखाबाद से अनवरगंज तक दोहरीकरण पर मंथन चल रहा है। पूरा सर्वे होने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल।