उपस्थिति पूरी न होने पर रुक जाएगा प्रवेश पत्र
कानपुर, जागरण संवाददाता : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध डिग्री कॉलेजों में अध्ययनरत उन छात्रों के प्रवेश पत्र रोक दिए जाएंगे जिनकी उपस्थिति कॉलेज में 75 फीसद से कम होगी। इस बार ऐसे छात्रों पर विश्वविद्यालय की कड़ी नजर रहेगी। विश्वविद्यालय प्रशासन के पास छात्रों की उपस्थिति से संबंधित भेजा जाने वाला ब्योरा भी इस साल से जांच के घेरे में आ सकता है। संदेह होने पर विश्वविद्यालय छात्रों की उपस्थिति की जांच करेगा।
कानपुर समेत विश्वविद्यालय से जुड़े 14 जिलों में संचालित सरकारी, सहायता प्राप्त व स्ववित्तपोषित डिग्री कॉलेजों में नया सत्र शुरू हो गया है। लेकिन इनमें से ज्यादातर कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति का प्रतिशत बहुत कम है। कॉलेज प्रबंधन भी मानते हैं कि छात्रों की उपस्थिति कम रहती है। इसका एक बड़ा कारण कई छात्रों का कॉलेज कैंपस में आने के बाद क्लास अटेंड न करना है। डीएवी डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेखा शर्मा का कहना हैं कि नए छात्रों में कॉलेज आने का क्रेज रहता है लेकिन पुराने छात्र समय गुजरने के साथ कक्षाओं में कम आते हैं। वीएसएसडी डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एएस भटनागर बताते हैं कि यह सच है कि नियमित कक्षाओं में उपस्थित रहने वाले छात्रों की संख्या कम होती है। इसका एक बड़ा कारण ऐसे छात्रों का प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटना है। वह कक्षाओं से ज्यादा महत्व अपने प्रोफेशनल कोर्स को देते हैं।
'विश्वविद्यालय से लेकर कॉलेज तक छात्रों की उपस्थिति के लिए गंभीर नहीं है। छात्र भी सरकारी नौकरी से लेकर प्रोफेशनल कोर्स की तैयारी को प्राथमिकता देने लगे हैं। ऐसे में सभी छात्रों की उपस्थिति का पूरा होना संभव नहीं है।'
डॉ. विवेक द्विवेदी, उप्र विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ महामंत्री
'छात्रों की उपस्थिति को लेकर कॉलेज स्तर पर कड़ाई के साथ निगरानी रखने की जरूरत है। विश्वविद्यालय ने नियम बना दिया है। इसका पालन करना कॉलेजों की जिम्मेदारी है।'
प्रो जेवी वैशम्पायन, कुलपति सीएसजेएमयू