सुशील की कई संपत्तियों पर ईडी की निगाह
कानपुर, जागरण संवाददाता: लैकफेड घोटाले के आरोपी सुशील कटियार कभी आटा चक्की चलाता था लेकिन बाबू सिंह कुशवाहा के संपर्क में आने के बाद उसने एक के बाद एक घोटाले किए और कुछ दिनों में ही अरबों की संपत्ति का मालिक बन गया। उसने लैकफेड ही नहीं यूपीएसआईडीसी को भी करोड़ों की चोट दी। अब सुशील और यूपीएसआईडीसी के अभियंताओं की संपत्तियों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नजर गड़ा दी है। सुशील को संपत्तियों की बिक्री से रोकने के लिए ईडी अफसरों ने रजिस्ट्री विभाग से संपत्तियों का पूरा विवरण लेकर रोक लगाने को कहा है।
काकादेव स्थित पुराना बस अड्डा के पास आटा चक्की और स्पेलर चलाने वाले सुशील कटियार को मायावती सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा मिला तो उसने घोटाले शुरू कर दिए। सुशील ने लैकफेड में करोड़ों का घोटाला तो किया ही, उसने सहयोगियों के साथ एनआरएचएम और यूपीएसआईडीसी में भी करोड़ों के घोटाले किए। उसने चुन्नीगंज, हितकारी नगर, भैलामऊ, सचेंडी, विसायकपुर कछार, गंभीरपुर कछार समेत कानपुर में कई जगहों पर भूखंड और खेत खरीदे। एक कालेज में भी करोड़ों रुपये लगाए। उसके नाम कई जगहों पर बेनामी संपत्तियां बनाने का आरोप है। उसने अपनी पत्नी, पुत्री व कई फर्मो के नाम संपत्तियां खरीदीं। अब इन संपत्तियों पर ईडी की नजर है। ईडी के अफसर उन अभियंताओं की संपत्तियों पर भी निगाह रख रहे हैं जिनके साथ सुशील ने घोटाले किए और कई जगह कारोबार शुरू किया।
सुशील ने बनाई ये फर्मे
यूपीएसआईडीसी में रजिस्टर्ड मेसर्स कार्तिक रेजीडेंसी, अर्पिता कंस्ट्रक्शन और सृष्टि एसोसिएट्स फर्म सुशील कटियार और उनके अपनों की है। साथ ही कई ऐसी फर्मे हैं जिनका रजिस्ट्रेशन तो दूसरों के नाम पर था और काम सुशील कटियार ही कराता था। चकेरी में पीडब्ल्यूडी की सड़क को यूपीएसआईडीसी की दिखाकर दो करोड़ से अधिक का भुगतान कराया तो कई अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में उसने करोड़ों के घोटाले किए।