बाबा के दर्शन में समस्याओं का ब्रेकर
कानपुर, जागरण संवाददाता : परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर हजारों भक्तों की आस्था का केंद्र है। विशेष पर्वो पर तो यहां करीब एक लाख भक्त दर्शन व पूजन के लिए आते हैं लेकिन आम दिनों में भी कम भीड़ नहीं होती। भोले बाबा पर श्रद्धा के दो फूल चढ़ाने के लिए आने वाले भक्तों को यहां कई समस्याओं से जूझना पड़ता है। आवारा जानवर तो उन्हें परेशान करते ही हैं बदबू भी उनके कदम रोकती है। पार्किंग स्थल पर जहां मल मूत्र की बदबू है तो मंदिर की सीढि़यों पर फूलों के सड़ने और गंदे पानी की।
स्थान: पार्किंग स्थल
टेफ्को नाले की तरफ स्थित पार्किंग स्थल पर लोग खुले में पेशाब करते हैं। इससे वहां पर वाहन खड़ा करना मुश्किल हो गया है। मूत्रालय में भी गंदगी भरी हुई है। तमाम लोगों ने तो उसी में शौच भी कर दिया है।
स्थान: शनि मंदिर
मंदिर के पास स्थित त्रिशूल वाले गेट पर दूध के गिलास, पालीथिन, फूल आदि बिखरे रहते हैं। यहां दुकानदार फूल और अन्य सामग्री फेंक देते हैं। मंदिर के पुजारियों से आए दिन इसी बात को लेकर कहासुनी भी होती है।
स्थान : मंदिर की सीढि़यां
सीढि़यों पर प्रतिदिन पांच से छह क्विंटल फूल फेंका जाता है। प्रभु पर चढ़ने वाला यह फूल फेंकते ही गाय, सांड़, बकरियां आदि जानवर टूट पड़ते हैं। मिठाई होने के कारण कुत्तों की भीड़ लग जाती है। सिर्फ आनंदेश्वर मंदिर ही नहीं आसपास के मंदिरों के फूल और पूजन सामग्रियां भी इसी घाट पर लाकर फेंक दी जाती हैं। दुकानदार भी यहीं कूड़ा व अन्य सामग्री फेंकते हैं। पहले एटूजेड यहां सामग्री उठाती थी लेकिन इसके बदले में उसे शुल्क नहीं मिला तो उसने बंद कर दिया।
स्थान: मंदिर के सामने के घाट
मंदिर के सामने के घाट की सीढि़यां मिट्टी से दब गई हैं। दो माह पूर्व नगर निगम ने इस सीढि़यों से मिट्टी हटाने का कार्य शुरू किया था लेकिन पिछले कई दिनों से बंद है। अभी तक एक सीढ़ी की मिट्टी साफ हो सकी है।
गायब हो गए कूड़ेदान
नगर निगम ने यहां घाट पर कूड़ेदान रखा है। मंदिर प्रबंधन ने दो कूड़ेदान रखे थे लेकिन एक भी कूड़ेदान यहां नहीं है। सुरक्षा के अभाव में ही कूड़ेदान चोरी हो गए।