चार सदस्यीय कमेटी करेगी शिक्षकों का अनुमोदन
कानपुर, जागरण संवाददाता : छत्रपति शाहू जी महाराज समेत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों से संबद्ध स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों का अनुमोदन अब चार सदस्यीय कमेटी करेगी। इस कमेटी में कुलपति की ओर से नामित सदस्यों के अलावा विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद के नामित सदस्य भी शामिल होंगे। जबकि पिछले साल तक शिक्षकों का अनुमोदन दो सदस्यीय कमेटी किया करती थी। कार्यपरिषद पहली बार सदस्यों के चयन में अपनी भूमिका निभाएंगी।
महाविद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों के अनुमोदन प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जुलाई माह से शुरू होने वाले नए सत्र के लिए स्ववित्तपोषित महाविद्यालय प्रबंधन अपने शिक्षकों के अनुमोदन की फाइल भेज रहे हैं। इस सत्र में शिक्षकों का चयन दो नहीं बल्कि चार सदस्यी सदस्यीय कमेटी करेगी। इनमें दो सदस्य कुलपति नामित करेंगे जबकि इसके लिए पांच सदस्य विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद में नामित किए जाएंगे। इन पांच सदस्यों में से दो का चयन महाविद्यालय प्रबंधक करेंगे।
एक साथ चार सदस्यों का लेना होगा समय :
शिक्षकों के अनुमोदन के इस नए नियम ने महाविद्यालयों की परेशानी बढ़ा दी है। महाविद्यालय प्रबंधकों की माने तो शिक्षकों के अनुमोदन के लिए नामित दो सदस्यों का समय लेना पहले मुश्किल होता था। अब एक साथ चार सदस्यों का समय लेना और मुश्किल हो जाएगा। 28 फरवरी 2014 को उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम में हुए बदलाव को विश्वविद्यालय प्रशासन इस साल से लागू कर रहा है। विश्वविद्यालय कुलसचिव सैय्यद वकार हुसैन ने बताया कि इस साल शिक्षकों का अनुमोदन चार सदस्यीय कमेटी करेगी। महाविद्यालयों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का अनुमोदन इसी नियम के तहत होगा।