राहुल-माया की रैलियों में खर्च की जांच
कानपुर, जागरण संवाददाता : राहुल गांधी और मायावती की रैलियों में खर्च की जांच होगी। जिला निर्वाचन अधिकारी ने संबंधित क्षेत्रों के सहायक रिटर्निग अफसरों को जांच सौंपी है और वे दो दिन में रिपोर्ट देंगे। भाजपा और सपा की रैलियों के खर्च की जांच भी रविवार को पूरी हो जाएगी।
17 अप्रैल को बसपा प्रमुख मायावती ने मिश्रिख, कानपुर और अकबरपुर के प्रत्याशियों के समर्थन में रेल बाजार में रैली की थी। इस आयोजन की अनुमति लेने के लिए दिए गये शपथ पत्र में कुर्सी, मेज, टेंट, लाउडस्पीकर आदि पर सिर्फ 33500 रुपये खर्च होने का शपथ पत्र दिया गया था। इसमें कहा गया था कि पंडाल पर सिर्फ पांच सौ रुपये खर्च होगा तो 40 टेबल पर एक हजार रुपये। पांच हजार कुर्सियां भी 20 हजार रुपये में आएंगी। चार लाउडस्पीकर और दो माइक्रोफोन की कीमत 15 सौ रुपये आएगी। वीडियो निगरानी टीम के आंकलन में मौके पर दो दर्जन से अधिक लाउडस्पीकर और माइक्रोफोन, पांच हजार से अधिक कुर्सियां, 50 से अधिक टेबल आदि थे।
रेसकोर्स मैदान में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अकबरपुर के प्रत्याशी राजाराम पाल के समर्थन में सभा की थी। उनमें पांच सौ कुर्सियां, 50 टेबल, 20 लाउडस्पीकर और माइक्रोफोन लगाने का शपथ पत्र दिया गया था। दावा किया गया था कि सिर्फ 66250 रुपये में ही पूरी रैली का आयोजन हो जाएगा, जबकि वीडियो निगरानी टीम ने इस दावे की पोल खोल दी। वहां करीब दो हजार कुर्सियां, कार्यकर्ताओं को पीने के पानी, वाहन, टेबल आदि पर करीब 66250 रुपये से अधिक धनराशि खर्च का आंकलन किया गया है। मामले में सहायक रिटर्निग अफसर प्रशांत आनंद को जांच सौंपी गई है। यदि शपथ पत्र में दिए गये खर्च से अधिक व्यय किया गया पाया गया तो कार्रवाई भी होगी।