प्राचार्य व शिक्षकों ने दर्ज कराए बयान
कानपुर, जागरण संवाददाता : मेडिकल छात्रों पर पुलिस बर्बरता की तीसरे चक्र की जांच करने एडीजी पावर कार्पोरेशन मंगलवार को मेडिकल कालेज पहुंचे। उन्होंने मेडिकल कालेज प्राचार्य, शिक्षकों समेत नौ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। सर्जरी के विभागाध्यक्ष डॉ. संजय काला के ओपीडी में होने से एडीजी ने काफी देर इंतजार किया, फिर चले गए।
28 फरवरी की रात मेडिकल कालेज में घुसकर मेडिकल छात्रों एवं शिक्षकों पर बर्बरतापूर्ण कार्रवाई में पुलिस की भूमिका की जांच हाईकोर्ट के निर्देश पर एडीजी (सतर्कता) पावर कार्पोरेशन जीएल मीणा को सौंपी गई है। वह दो चक्रों की जांच कर चुके हैं। मंगलवार को उन्होंने सबसे पहले प्राचार्य डॉ. नवनीत कुमार के बयान दर्ज किए। प्राचार्य ने कहा कि मैंने एफआईआर दर्ज कराई है, वही बयान है। उसकी एक कापी एडीजी को सौंपी। उन्होंने कहा कि मैं घटनास्थल पेट्रोल पंप पर नहीं था और न हास्टल में। परिसर में भारी संख्या में पुलिस फोर्स को अंदर आते हुए अवश्य देखा था। हम सभी ने पुलिस एवं अफसरों को समझाने का प्रयास किया तो अभद्रता करने लगे। कालेज के मीडिया कोआर्डिनेटर डॉ. अंबरीश गुप्ता एवं डॉ. संजय काला से अभद्रता की। पुलिस डॉ. आरपी शर्मा समेत 26 छात्रों को पकड़ कर ले गई थी। इसके उपरांत डॉ. यशवंत राव, डॉ. अतुल गर्ग, डॉ. अंबरीश गुप्ता, डॉ. विनय कुमार ने बयान दर्ज कराए। घटना से संबंधित साक्ष्य एवं फोटोग्राफ भी सौंपे। घटना की रात कैंपस में तैनात मेडिकल कालेज के चार चौकीदारों ने भी अपने बयान दर्ज कराए। उन्होंने पुलिस के कैंपस के घुसने की बात कही लेकिन घटना के संबंध ज्यादा जानकारी नहीं दे सके। टीम में एएसपी अरुण दीक्षित व पावर कार्पोरेशन की सीओ भी थीं।
नए फोटोग्राफ देना चाहता हूं
पुलिस बर्बरता के शिकार कालेज के प्रोफेसर डॉ. आरपी शर्मा फिर एक बार एडीजी के समक्ष नए साक्ष्य देने पहुंच गए। उन्होंने कहा कि घटना से जुड़े कुछ और नए फोटोग्राफ देना चाहता हूं। एडीजी ने कहा कि 17 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में फोटो दस्तावेज सौंप सकते हैं।
17 को लेंगे पुलिस के बयान
एडीजी जीएल मीणा ने कहा कि एसएसपी, अधिकारी एवं पुलिसकर्मियों के बयान 17 अप्रैल को सर्किट हाउस में दर्ज किए जाएंगे।