विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट गायब?
कानपुर, जागरण संवाददाता: फर्जी पासपोर्ट मामले में मंगलवार को एक नया मोड़ आ गया जब बचाव पक्ष के अधिवक्ता को विदेश मंत्रालय का पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में कहा गया है कि मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन की अनुमति से संबंधित पत्र तत्कालीन एसएसपी को भेज दिया है, जबकि पुलिस कई तारीखों से अभियोजन की स्वीकृति के संबंध में कोई रिपोर्ट न आने की बात कह रही है।
क्राइम ब्रांच टीम ने फर्जी पासपोर्ट मामले में 4 जुलाई 2013 को जीटी रोड के पासपोर्ट कार्यालय से 17 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें पासपोर्ट अधिकारी जयंत सरकार, टाटा कंसलटेंसी के 5 कर्मचारी और 11 लोगों को दलाल बताते हुए जेल भेजा गया था। मामले में केंद्र सरकार के अधिकारी शामिल थे लिहाजा उन पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति जरूरी थी। इस मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता विजय बख्शी ने जनसूचनाधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, इसके साथ ही उन्होंने विदेश मंत्रालय को कानूनी नोटिस भी भेजी थी। मंगलवार को इस मामले में विदेश मंत्रालय के उप पासपोर्ट अधिकारी (पीवी सतर्कता) एचके श्रीवास्तव का पत्र उन्हें मिला। पत्र में कहा गया कि अभियोजन की मंजूरी देने के मामले की विस्तार से जांच की गई तथा इसका जवाब मंत्रालय ने 18 फरवरी 2014 को तत्कालीन एसएसपी को भेज दिया था। अभियोजन के संबंध में कोई अन्य जानकारी पुलिस से ली जा सकती है। बावजूद इसके जब अदालत ने क्राइम ब्रांच से अभियोजन के संबंध में पहले पूछा था तो क्राइम ब्रांच प्रभारी ने लिखित जवाब दाखिल कर कहा कि अभियोजन के संबंध में अभी कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
कौन सच्चा कौन झूठा
विदेश मंत्रालय एसएसपी को रिपोर्ट भेजने की बात कह रहा है लेकिन क्राइम ब्रांच ने अभियोजन से जुड़ा कोई आदेश न मिलने का शपथपत्र अदालत में दिया है। ऐसे में सवाल है कि इस चर्चित मामले में चूक कहां है और झूठ कौन बोल रहा है।