मेरिट मैनेजमेंट में नंबर बढ़वाने का खेल!
डॉ. सुरेश अवस्थी, कानपुर
यूपी बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन शुरू होते ही परीक्षार्थियों के नंबर बढ़वा कर मेरिट मैनेजमेंट करने वाले दलाल सक्रिय हो गए हैं। गोपनीयता के बावजूद उनको विषय की कापियां और उनके मूल्यांकन केंद्र की पूरी जानकारी है। मिर्जापुर के एक केंद्र पर नंबर बढ़वाने पहुंचे एक कालेज संचालक के पकड़े जाने के बाद बोर्ड ने सभी डीआईओएस को अलर्ट किया है।
बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन की पूरी प्रक्रिया गोपनीय रहती है। बोर्ड केंद्रों को सुरक्षा देने, परीक्षकों को फोटोयुक्त परिचयपत्र जारी करने के साथ केंद्र पर बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने के निर्देश भी जारी करता है फिर भी केंद्रों पर नंबर बढ़वाने व मेरिट मैनेजमेंट का खेल बखूबी चलता है। विगत दिवस मिर्जापुर के एएसजे कालेज मूल्यांकन केंद्र पर नंबर बढ़वाने पहुंचे यहां के एसजी इंटर कालेज के संचालक अतुल को पुलिस के हवाले कर दिया गया। वह इंटर भौतिकी के अंक बढ़वाने को कोठार नियंत्रक डॉ. रमाशंकर शुक्ल से सौदेबाजी कर रहे थे। बीते साल भी मिर्जापुर में ही नंबर बढ़वाने पहुंचे एक शिक्षक को पकड़ा गया था। नगर में दो केंद्रों पर दो लोगों को भगाए जाने की जानकारी मिली है।
कैसे आउट हुई गोपनीय जानकारी
किस परीक्षा केंद्र की किस विषय की कापियां किस जिले के किस केंद्र पर मूल्यांकित होंगी? यह गोपनीय रहता है। जिले के डीआईओएस को संबंधित केंद्र पर कापियां भिजवानी होती हैं। यहां की कापियां राजकीय इंटर कालेज संकलन केंद्र से भेजी जाती हैं। ऐसे में बड़ा प्रश्न यह है कि इतनी गोपनीय जानकारी उक्त कालेज संचालक को कैसे मिल गई?
रामभरोसे है केंद्रों की सुरक्षा
लोकसभा चुनाव के चलते इस बार परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा राम भरोसे है। नगर के सभी छह केंद्रों पर कहीं भी अभी तक एक होमगार्ड की भी तैनाती नहीं हुई है। केंद्र उपनियंत्रकों को अपने भरोसे कापियों की सुरक्षा करानी पड़ रही है।
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कालेज संचालक परीक्षार्थियों के अंक बढ़वाने आया था, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने जमानत पर रिहा किया है जबकि उस पर नकल अध्यादेश के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए थी।
- शिवसेवक सिंह, डीआईओएस मिर्जापुर
गोपनीय जानकारी आउट हुई है तो जांच कराकर दोषी लोगों पर कार्रवाई होगी। केंद्र उपनियंत्रकों से कहा गया है कि वे बाहरी लोगों को केंद्र पर प्रवेश न दें। संदिग्ध को पुलिस के हवाले करें।
-कोमल यादव, डीआईओएस कानपुर
नियुक्तिपत्र पर परीक्षकों का फोटो स्कैन है। यदि फोटो नहीं है तो उन्हें कालेज से फोटो सत्यापित करा कर केंद्र पर जाना है। बिना नियुक्तिपत्र और पहचान के केंद्र में प्रवेश नहीं मिलेगा। सभी डीआईओएस को निर्देश दिया गया है।
-शकुंतला यादव, सचिव यूपी बोर्ड