एक पीडीएस अफसर और तीन पूर्व बीडीओ पर तलवार
कानपुर, जागरण संवाददाता : लोहिया गांव कटरी शंकरपुर सराय में मई 2013 में हुए करोड़ों के आवास आवंटन घोटाले में अब आधा दर्जन अधिकारी कार्रवाई की जद में आ गए हैं। संयुक्त विकास आयुक्त (जेडीसी) ने जिस अफसर को जांच कर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी थी, वह पूरी हो गई है। यदि इसी रिपोर्ट पर कार्रवाई हुई तो एक पीडीएस अफसर व तीन पूर्व खंड विकास अधिकारी, एक पंचायत सचिव व दो लिपिक समेत दर्जन भर अधिकारियों की गर्दन फंसेगी।
कल्याणपुर विकास खंड के अंतर्गत लोहिया गांव में आवास आवंटन में व्यापक पैमाने पर बंदरबांट किया गया। 177 लोगों को पहली किश्त जारी हो चुकी है जबकि 24 लोगों को दूसरी। प्रमुख सचिव समन्वय राजन शुक्ला के आदेश पर संयुक्त विकास आयुक्त विक्रमादित्य पांडेय, सीडीओ राजेंद्र सिंह व डीपीआरओ इंद्रपाल सोनकर की जांच समिति बैठाई गई। जेडीसी ने स्थिति देखकर रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी एडीएसटीओ पीके सिंह को दी। जांच रिपोर्ट जेडीसी को बनाकर भेजी है। उन्होंने अनियमित भुगतान की बात कही है।
रिपोर्ट में लिखा है कि भेजी गई पहली किश्त का जमीनी हकीकत से कोई सरोकार नहीं है। तीन दर्जन लोग अपात्र मिले हैं। सीडीओ ने जब दूसरी किश्त के भुगतान पर रोक लगाई थी तो पूर्व बीडीओ अजय त्रिवेदी द्वारा 24 लाभार्थियों की फाइल ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना क्यों भेज दी गई। एक पीडीएस अफसर व दो पूर्व बीडीओ को सवालों के कठघरे में खड़ा किया गया है। पूछा गया, जब किसी के पास जमीन ही नहीं थी तो किस आधार पर आवास बांटे गए। दूसरे राजस्व गांवों को क्यों लाभार्थी बनाया गया।
क्या कहते हैं अधिकारी
पूरे मामले में मैं जेडीसी से बात कर जल्द ही निर्णय लेने जा रहा हूं। किसी भी दोषी को नहीं बख्शा नहीं जायेगा।
राजेंद्र सिंह, सीडीओ
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मैंने रिपोर्ट संयुक्त विकास आयुक्त को भेज दी है। कार्रवाई के मसले पर वही आखिरी निर्णय लेंगे।
पीके सिंह, एडीएसटीओ