दर्शन से पहले भक्तों की अग्निपरीक्षा
कानपुर, जागरण संवाददाता: महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ के दर्शन व पूजन में भक्तों को टूटी सड़कें दर्द दे सकती हैं। मंदिरों में तैयारियां तेज हो गई हैं लेकिन प्रशासन ने अभी तक टूटी सड़कों के पैचवर्क के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। 27 फरवरी को शिवरात्रि होने से 26 की रात में ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंच जाएगी। रात में भक्तों को मंदिर जाने के लिए टूटी और खोद कर छोड़ी गई सड़कें परेशानी का सबब बनेंगी।
सिद्धनाथ मार्ग का अस्तित्व मिटा
नई चुंगी जाजमऊ से सिद्धनाथ घाट जाने वाले मार्ग का अस्तित्व ही मिट गया है। चार साल पहले पाइप लाइन डालने के लिए यह सड़क खोदी गई थी लेकिन आज तक नहीं बनी। सिर्फ मोटरेबुल कर छोड़ दिया गया। पाइप लाइन लीक होने के कारण बीते माह सड़क बैठ गई थी। इससे वहां हुआ गड्ढा सबसे बड़ी परेशानी बना हुआ है। सड़क में कई जगहों पर दो से तीन मीटर लंबा व एक से डेढ़ फीट गहरा गढ्डा है। इस गड्ढे में गिरकर आए दिन लोग चुटहिल होते हैं।
दर्शन में रोड़ा बनेगी पार्किंग आनंदेश्वर मंदिर की ओर जा रहा टेफ्को नाला मार्ग भी क्षतिग्रस्त है। इस मार्ग पर भी कई जगहों पर गढ्डे हो गए हैं। मंदिर के पास पार्किंग स्थल न होने से लोगों को परेशानी होती है। इस बार भी पार्किंग स्थल अभी तक तय नहीं हो सका है। इसी तरह ग्रीन पार्क की तरफ से आने वाले मार्ग की मरम्मत भी कई वर्षो से नहीं हुई है।
अतिक्रमण से जूझेंगे भक्त
वनखंडेश्वर मंदिर पीरोड की ओर जाने वाला मार्ग क्षतिग्रस्त है। सड़क पर काफी गड्ढे भी हैं। भोले बाबा के दर्शन करने के लिए यहां अतिक्रमण से भी जूझना पड़ेगा। प्रशासन न तो टूटी सड़क का पैचवर्क करा रहा है और न ही अतिक्रमण हटाने की कवायद कर रहा है। यहां तो पार्किंग की व्यवस्था है ही नहीं। ऐसे में लोगों को काफी दूर वाहन खड़ा करना पड़ता है। यही स्थिति नागेश्वर मंदिर नयागंज की है। यहां भी न तो पार्किंग की व्यवस्था है और न ही अतिक्रमण हटाने की कोई कार्ययोजना बनी है।