गैर कंधे पर इंजीनियर गढ़ने की 'फैक्ट्री'
विक्सन सिक्रोड़िया, कानपुर : छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग के सितारे गर्दिश में हैं। यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (यूआईईटी) में 17 वषों से स्थाई निदेशक नहीं हैं। बीटेक विभाग गेस्ट फैकल्टी के भरोसे है तो एमसीए व बीसीए, एमएससी विभाग फैकल्टी की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसी स्थिति में इंजीनियरिंग व कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स समेत अन्य कोर्स में प्रवेश लेने वाले छात्र छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
मैकेनिकल व आईटी में सिर्फ एक स्थाई फैकल्टी :
मैकेनिकल व आईटी इंजीनियरिंग ब्रांच में केवल एक स्थाई फैकल्टी मेंबर है। दोनों ब्रांच में क्रमश: 240-240 छात्र हैं, जबकि पढ़ाने के लिए ज्यादतार शिक्षक संविदा पर हैं। विशेष लेक्चर गेस्ट फैकल्टी के जरिए आयोजित किए जाते हैं।
कंप्यूटर एप्लीकेशन्स में केवल 3 स्थाई फैकल्टी मेंबर :
एमसीए व बीसीए के 900 स्टूडेंट के लिए कंप्यूटर एप्लीकेशन्स में 18 फैकल्टी मेंबर हैं, जिनमें सिर्फ तीन स्थाई हैं। जबकि एआईसीटीई की ओर से फैकल्टी व छात्र के बीच 1:15 का मानक है।
हर साल छोड़ते कई फैकल्टी मेंबर:
वर्षो से काम करने वाले फैकल्टी मेंबर स्थाई न होने के चलते विभाग छोड़ रहे हैं। हर वर्ष कई फैकल्टी मेंबर दूसरी जगह ज्वाइन कर लेते हैं। इसका असर भी यूआईईटी पर पड़ रहा है।
कोर्स छात्रसंख्या
बीटेक 1440
बीसीए 720
एमसीए 180
एमफिल 75
एमएससी बॉयोइन्फॉर्मेटिक्स 80
एमएससी इलेक्ट्रॉनिक्स 80
'यूआईईटी में फैकल्टी की कमी का असर नजर आ रहा है। फैकल्टी कमी के चलते शोध कार्य प्रभावित हो रहा है। छात्रों की संख्या के अनुसार स्थाई फैकल्टी की संख्या बढ़ाने की जरूरत है।'
डॉ. अर्पिता यादव कार्यवाहक निदेशक, यूआईईटी
'निदेशक की नियुक्ति की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी नियुक्ति को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। जहां तक फैकल्टी की कमी का सवाल है तो उसे पूरा करने का प्रयास विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा है।'
प्रो. अशोक कुमार, कुलपति सीएसजेएमयू।
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