4,07,000 ¨क्वटल धान खरीद का लक्ष्य, 21 केंद्र बने
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले में एक नवंबर से 28 फरवरी तक किसानों से धान खरीद की जाएगी।
जागरण संवाददाता, कन्नौज : जिले में एक नवंबर से 28 फरवरी तक किसानों से धान खरीद की जाएगी। 4,07,000 ¨क्वटल धान खरीद का लक्ष्य मिला है। इसके लिए ब्लॉक वार 21 केंद्र बनाए गए हैं। इस बार दलाल या बिचौलिए योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। पंजीकृत किसानों से ही धान खरीद होगी। पारदर्शिता लाने के लिए आनलाइन धान खरीद की तैयारी है। इसके लिए किसानों को जन सेवा केंद्रों पर खाद्य विपणन की वेबसाइट ह्वश्चद्घष्ह्य.ठ्ठद्बष्.द्बठ्ठ पर पंजीकरण कराना होगा। पंजीकृत किसान किसी भी जिले में धान बेच सकेंगे। इस बार 17 फीसद नमी तय की गई है। इसलिए किसानों को धान सुखाकर ले जाना होगा।
80 प्रति रुपये ¨क्वटल दाम बढ़े
नई सरकार ने 80 रुपये प्रति ¨क्वटल धान के दामों में इजाफा किया है। सामान्य किस्म का धान 1,550 व ग्रेड वाले की दर 1,590 रुपये प्रति ¨क्वटल तय की गई है। इससे किसानों को मेहनत के वाजिब दाम मिलेंगे। साथ में कई गुना फायदा होगा। पिछले साल 1,470 व 1,510 रुपये प्रति ¨क्वटल के हिसाब से धान खरीद की गई थी। करीब पांच हजार किसानों से धान खरीदा जाएगा। मंडी सचिवों को बारदाना उपलब्ध कराने के फरमान आ चुके हैं। इलेक्ट्रॉनिक कांटे ठीक कराए जाएंगे। खराब होने पर नए खरीदे जाएंगे। साथ में पंखा, मीटर व छलना की व्यवस्था की जा चुकी है।
ये रहेगी व्यवस्था
-खाद्य विपणन की वेबसाइट पर होगा किसानों का ब्योरा।
-पंजीयन के समय फोटो, आधार, जोतबही व बैंक पास बुक देनी होगी।
-बैंक खातों में आरटीजीएस से होगा रकम का भुगतान।
-आनलाइन खरीद से रुकेगा फर्जीवाड़ा, आधार से पहचान।
-कोई दूसरा बिक्री करेगा तो फौरन पकड़ा जाएगा।
इनको मिली जिम्मेदारी
संस्था केंद्र संख्या
शाखा विपणन छह
पीसीएफ आठ
एफसीआई दो
कर्मचारी कल्याण निगम दो
नैफेड तीन
(नोट : इसके साथ 15 केंद्र और खोले जाएंगे।)
अफसर बोले
एक नवंबर से धान खरीद शुरू होगी। लक्ष्य मिल चुका है। इस बार प्रक्रिया आनलाइन रहेगी। बिना पंजीकरण किसान धान नहीं बेच सकेंगे। कुछ केंद्र तय कर लिए गए हैं जबकि 15 जल्द खोले जाएंगे। किसान पंजीकरण करा सकते हैं।
-समरेंद्र प्रताप ¨सह, जिला खाद्य विपणन अधिकारी।
इलेक्ट्रानिक कांटे सुधारे जा रहे हैं। गड़बड़ी मिलने पर नए खरीदे जाएंगे। साथ में अन्य संसाधन केंद्रों पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे किसानों को दिक्कत नहीं होगी।
-अनिल कुमार गौर, सचिव, नवीन मंडी परिषद।