आदर्श पुरुष थे स्वामी विवेकानंद
कन्नौज, जागरण संवाददाता : स्वामी विवेकानंद ने अल्पायु में ही चार बार संपूर्ण भारत और दो बार विश्व का भ्रमण कर लिया था। उनके ओजस्वी भाषण को सुनने के लिए हजारों की भीड़ आती थी। इस कारण से वह अध्यात्मिक महापुरुष के रूप में स्थापित हो गए थे।
उक्त वक्तव्य भारत विकास परिषद के प्रांतीय संरक्षक शशिभूषण गुप्ता ने दिए। वह मंगलवार देर शाम भारत विकास परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहाकि तय कार्यक्रम के अनुसार शहर में स्वामी विवेकानंद की मूर्ति लगवाई जाएगी। डा. धीरेंद्र दुबे ने कहाकि परिषद की स्थापना 10 जुलाई 1963 में हुई थी। दिल्ली से शुरू हुई यह संस्था की शाखाएं पूरे विश्व में फैली है। संस्था गुरु वंदन, छात्र अभिनंदन, विकलांग सहायता, सरल सामूहिक विवाह व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करती है। बाबू केशव दास टंडन ने कहाकि वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में सभी एक उत्तरदायी नागरिक बनें। नगर पालिका निर्वाचन में अच्छे व्यक्तियों को सभासद और अध्यक्ष चुनें। प्रांतीय कोषाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह तोमर ने कहाकि सेवा देने के पीछे कोई स्वार्थ नहीं होता है तभी वह सेवाव्रती होता है। अध्यक्ष संजय गुप्ता, हरस्वरूप वर्मा, ओमप्रकाश गुप्ता, प्रदीप गुप्ता, प्रदीप शंकर दुबे आदि मौजूद रहे।
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