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कब्जों के बीच सिकुड़ते जा रहे तालाब

संवाद सहयोगी, तिर्वा : अवैध कब्जेदारों के चंगुल में फंस तालाब सिकुड़ते जा रहे हैं। इससे धीरे-धीरे पशु

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 28 Apr 2017 01:01 AM (IST)
कब्जों के बीच सिकुड़ते जा रहे तालाब
कब्जों के बीच सिकुड़ते जा रहे तालाब

संवाद सहयोगी, तिर्वा : अवैध कब्जेदारों के चंगुल में फंस तालाब सिकुड़ते जा रहे हैं। इससे धीरे-धीरे पशु व पक्षियों के लिए पेयजल संकट बढ़ रहा है। कई जगह कंडे की बटिया रखी जा चुकी हैं तो कुछ ने मवेशी बाड़ा बना लिए हैं। कच्चे निर्माण को धीरे-धीरे पक्का कर लोग बढ़ रहे हैं। सिर्फ उमर्दा ब्लॉक में ही एक हजार से ज्यादा तालाब अभिलेखों में दर्ज हैं लेकिन हकीकत जुदा है।

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विकास खंड उमर्दा की 90 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना, राजस्व विभाग व निजी तौर पर करीब 1170 से अधिक तालाब हैं। गर्मी आते ही इनकी खोदाई, सफाई व जलभराव के नाम पर प्रतिवर्ष 70 लाख से एक करोड़ तक का खर्च किया जाता है। ब्लाक क्षेत्र में सैकड़ों आदर्श तालाब भी तैयार किए गए लेकिन असलियत में यह कोसों दूर हैं। क्षेत्र के 80 फीसद तालाब सूखे हैं। कई पर ग्रामीणों ने कब्जा जमा लिया है। सरकारी अभिलेखों में 1170 तालाब दर्ज है लेकिन हकीकत में 500 भी नहीं बचे हैं।

कागजों पर होती कार्रवाई

सरकारी जमीनों से लेकर तालाबों पर अवैध कब्जेदारी के मामले न्यायालय और पुलिस के पास लंबित हैं। कहीं-कहीं पर प्रशासन ने कार्रवाई भी की है लेकिन चंद रुपये का जुर्माना भरने के बाद कब्जा बरकरार है।

रिकार्ड में भी खेल

शासन से तालाबों की सूची प्रतिवर्ष मांगी जाती है। अभिलेखों में तालाबों को चाक चौबंद दिखा रिकार्ड भेज दिया जाता है। हकीकत में स्थिति कुछ और है। कई जगहों पर दर्ज तालाब पूरी तरह खत्म हो चुके हैं। सरकारी कर्मचारी अपने हिसाब से खेल करते रहते हैं।

गांव के श्रमिकों को रोजगार में मनमानी

तालाबों की खुदाई में मनरेगा योजना के तहत ब्लाक क्षेत्र में 10 हजार से अधिक जॉब कार्ड धारकों को रोजगार दिया जाता है। मनरेगा मजदूरों के मस्टर रोल में भी रोजगार सेवक खेल करते हैं। 20 के बजाय 50 मजदूरों को शामिल कर खातों में धनराशि भेज दी जाती है। इसके बाद 70 फीसद मजदूरी को रोजगार सेवक वापस ले लेते हैं। इसमें सभी मिलकर बंदरबांट करते हैं।

क्या कहते हैं ग्रामीण

तालाबों को बचाना अफसरों से लेकर हर व्यक्ति का दायित्व है। भू-गर्भ जलस्तर नीचे गिरने का कारण भी तालाबों की कमी है। सभी को आगे आना चाहिए।

-पूनम यादव

तालाब बचाने के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें प्रशासनिक अफसरों को भी सख्ती बरतनी होगी। लोगों को जागरूक करने की जरूरत है।

-शुभि तिवारी

गर्मी में हर साल पेयजल की समस्या गंभीर हो जाती है। हैंडपंप खराब व तालाब सूख जाते हैं। जल संचयन के लिए तालाब बचाने की मुहिम चले।

-धर्मेंद्र यादव

शासन व प्रशासन भले तालाब बचाने की कोशिश कर रहा हो लेकिन हकीकत में अवैध कब्जों पर किसी की निगाह नहीं है। कार्रवाई न होने से हौसले बुलंद हैं।

-अभिषेक उर्फ कल्लू गुप्ता

कब्जा करने वालों पर कार्रवाई तय

कब्जों की शिकायत पर अमल किया जाता है। पैमाइश करा कार्रवाई भी कई लोगों पर हो चुकी है। कुछ मामले विचाराधीन भी है। इनकी सुनवाई कर जल्द फैसला दिया जाएगा। तालाब पर कब्जा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई तय है।

-राजेश यादव, उपजिलाधिकारी


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