लालच में फंसने से व्यक्ति का होता नुकसान
जागरण संवाददाता, कन्नौज : लालच में फंसने से व्यक्ति का हमेशा नुकसान होता है। अक्सर बनते काम बिगड़ जात
जागरण संवाददाता, कन्नौज : लालच में फंसने से व्यक्ति का हमेशा नुकसान होता है। अक्सर बनते काम बिगड़ जाते हैं। धर्म को बचाए रखने के लिए लोभ को छोड़ना ही उचित कर्म है। रामचरित मानस में कैकेयी, मंथरा व राम के चरित्र से यह सीख मिलती है।
गुरुवार को रेलवे स्टेशन रोड सरायमीरा स्थित शुक्ला मार्केट के पास श्रीराम कथा वाचक संत रमेश भाई शुक्ल ने राम वनवास पर फोकस किया। कहा कि कैकेयी कर्म का प्रतीक हैं जबकि मंथरा लोभ के तौर पर है। यहां राम धर्म के प्रतीक हैं। इसीलिए जब कर्मरूपी कैकेयी ने लोभ रूपी मंथरा की बात मानी तो धर्म रूपी राम को घर से 14 साल के लिए वनवास जाना पड़ा। लोभ कर्म के पीछे रहे तो नुकसान कम है। जब भी इसने आगे बढ़कर चोट की तो दिक्कत हुई। राम चरित मानस में भी दासी मंथरा की बात रानी कैकेयी ने मानी इसलिए धर्म के प्रतीक राम को बाहर निकलना पड़ा। कहा कि राम के साथ सीता व लक्ष्मण भी वन चले गए थे। रामकाज सेवा समिति के संयोजन में कथा दो मई तक चलेगी। गुरुवार को सैकड़ों लोग कथा सुनने के लिए पहुंचे।