कन्नौज का सीवर : खाद की खाद, पानी का पानी
कन्नौज, जागरण संवाददाता : इत्रनगरी में सीवर लाइन बिछाने की मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट इस साल परव
कन्नौज, जागरण संवाददाता : इत्रनगरी में सीवर लाइन बिछाने की मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट इस साल परवान चढ़ता दिख रहा है। सीवर से निकलने वाली गन्दगी से खेतों की सेहत सुधारने की नई स्कीम सरकार ने बनाई है। इसके लिए सरकार ने सीवर के अपशिष्ट डिस्पोज करने के लिये बनवाये जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को और आधुनिक बनाया जा रहा है। 24 करोड़ से बनने वाले इस आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से खाद बनाई जायेगी और इसके पानी को शुद्ध कर खेतों की ¨सचाई की जायेगी। जल निगम के अधिशासी अभियंता का कहना है कि यह प्लांट प्रदेश में बनने वाला पहला ट्रीटमेंट प्लांट है।
अपनी पिछली सरकार के आखिरी साल में सपा सरकार ने इत्रनगरी को सीवर लाइन की सौगात दी थी। 2006 में पास हुई इस योजना के निर्माण का जिम्मा जल निगम को सौंपा गया था। वर्ष 2007 में बसपा सरकार बनने के बाद इत्रनगरी में सीवर लाइन डालने का काम शुरू हुआ। काम को क्वालिटी परक और समय पर पूरा करवाने के लिये सरकार ने जल निगम का एक अलग खंड बनवाया। तब यह माना जाने लगा की जल्द ही इत्रनगरी के लोगों को सीवर लाइन का फायदा मिलने लगेगा, लेकिन बसपा सरकार में बजट की कमी के कारण यह प्रोजेक्ट फिर लटक गया। 2012 में जब सपा दोबारा सत्ता में आयी तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी इस ड्रीम स्कीम को जल्द पूरा करवाने के जल निगम को निर्देश दिए। सीएम की निजी दिलचस्पी का नतीजा है कि शहर में डाली जा रही सीवर लाइनों का काम लगभग पूरा हो चुका है। इतना लंबा समय बीत जाने के बाद सरकार ने सीवर के अपशिष्ट के भी उपयोग की योजना बना डाली। इसके लिये मुख्यमंत्री ने जल निगम के अफसरों को जिम्मा सौंपा। मुख्यमंत्री की दिलचस्पी को देखते हुए जल निगम ने जिले में एक अनोखा प्रयोग किया है। जल निगम ने साधारण से बनने वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का आधुनिकीकरण करके इससे खाद बनाई जायेगी और बचे पानी को शुद्ध करके खेतों की ¨सचाई की जायेगी। इसका फायदा ट्रीटमेंट प्लांट के आसपास रहने वाले किसानों को होगा। जल निगम के अधिशासी अभियंता बीएस चाहर का कहना है कि पूरे शहर के लेवल का सर्वेक्षण कर ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जा रहा है। यह ड्रेनेज सिस्टम जलालपुर अमरा गांव में बनाने की शुरुआत हो गयी है। उन्होंने बताया की ड्रेनेज सिस्टम में 13 लाख लीटर सीवर का पानी प्रतिदिन जमा होगा। इस प्लांट में अत्याधुनिक मशीनों की सहायता से गंदे पानी को ट्रीट कर ¨सचाई योग्य बनाया जाएगा। इस पानी को पाइप लाइनों के माध्यम से खेतों तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाएगी। शुद्ध पानी को संरक्षित करने के लिए इसके पास में ही टैंक में जमा किया जाएगा। बरसात के दिनों में ¨सचाई के लिए उपयोग में न आने के दौरान शुद्ध पानी को काली नदी में छोड़ा जाएगा। बचे हुए अपशिष्ट से खाद तैयार करने की भी योजना है। इस प्लांट को तैयार करने के लिए कानपुर की एक कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है। भविष्य में इस पानी से हजारों हेक्टेयर फसलों की ¨सचाई होगी जो फसलों के लिए लाभदायक होगा।