पेट की खातिर मजदूर दिवस मनाना भूले
कन्नौज, जागरण संवाददाता : वर्ष में एक बार मजदूरों का त्योहार आता है। इसको एक मई को श्रमिक दिवस के रू
कन्नौज, जागरण संवाददाता : वर्ष में एक बार मजदूरों का त्योहार आता है। इसको एक मई को श्रमिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। पेट की खातिर मजदूरों के हाथ इन दिन भी बंद नहीं रहे। उत्सव मनाना तो छोड़ो वह परिवार का भरण-पोषण करने के लिए नित्य की भांति दिनभर धूप में पसीना बहाकर शाम को घर लौटे।
रविवार को ऐसा ही कुछ नजारा जिला मुख्यालय पर देखने को मिला। जीटी रोड स्थित एक भवन में मजदूर प्रतिदिन की तरह काम करते दिखे। मजदूर दिवस व श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की। पैंदाबाद निवासी सर्वेश ने बताया कि उसे श्रमिक दिवस के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने बताया कि श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन की कोई जानकारी नहीं है। मोहल्ला सफदरगंज निवासी मोहम्मद आजम ने कहा कि रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक बार गए थे, लेकिन अधिक भीड़ होने से लौट आए। विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की उसे कोई जानकारी नहीं है। डहलेपुर निवासी रानू ने कहा कि पेट की खातिर सुबह ही घर छोड़ देते हैं। इसके बाद शाम को ही घर लौटना हो पाता है। व्यस्तता के चलते रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाया। शेखाना निवासी मोहम्मद आजम ने कहा कि श्रम विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी होने पर श्रम विभाग में रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद अभी तक उसे किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। श्रमिक ने बताया कि विभाग के अफसरों ने बताया कि अगर उसे लाभान्वित किया जाएगा तो पहले से सूचना दी जाएगी।