योजनाओं का अंबार, पात्रों का अकाल
कन्नौज, जागरण संवाददाता : शासन द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों क
कन्नौज, जागरण संवाददाता : शासन द्वारा भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा श्रमिकों के उत्थान के लिए कई लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। कागजों में यह योजनाएं सुनने में लुभावनी है। हकीकत में इन योजनाओं का लाभ श्रमिकों तक नहीं पहुंच पा रहा है। अगर बीते चार वर्षो की बात की जाए, तो 28 हजार श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन में मात्र 3,656 श्रमिकों को सिर्फ सात योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। शेष 24,344 श्रमिकों को अभी तक योजनाओं का लाभ मिलने का इंतजार है।
भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (श्रम विभाग) द्वारा पंजीकृत श्रमिकों के उत्थान के लिए वर्तमान में 15 योजनाएं संचालित की जा रही है। इसमें शिशु हितलाभ योजना, मातृत्व हितलाभ योजना, बालिका मदद योजना, अक्षमता पेंशन योजना, दुर्घटना सहायता योजना, पुत्र विवाह अनुदान योजना, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, आवास सहायता योजना, पेंशन योजना, सौर ऊर्जा सहायता योजना, साइकिल सहायता योजना, गंभीर बीमारी सहायता योजना, मेधावी छात्र योजना, मध्याह्न भोजन सहायता योजना संचालित है। जिले के श्रमिकों ने इन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए विभाग में अब तक 28 हजार रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसके सापेक्ष बीते चार वर्षो में विभाग द्वारा 3,656 श्रमिकों को सात योजनाओं से लाभान्वित किया गया है। इन श्रमिकों पर 137.74 लाख का बजट खर्च हुआ है।इसमें श्रमिकों को शिशु हितलाभ योजना, मेधावी छात्र पुरस्कार योजना, मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता योजना, दुर्घटना सहायता योजना, मातृत्व हितलाभ योजना और औजार क्रय हेतु आर्थिक सहायता योजना से लाभान्वित किया गया है। शेष 24,344 मजदूरों को लाभ पाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा। शासन स्तर से लाभकारी योजनाओं का लाभ न मिलने पर उन्हें तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
इतने श्रमिकों को किया गया लाभान्वित
-बीते चार वर्षो में शिशु हितलाभ योजना के तहत 1077 श्रमिकों को 10.36 लाख की धनराशि वितरित की गई।
-मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के तहत 270 पात्रों पर 7.36 लाख की धनराशि दी गई।
-मृत्यु एवं अंत्येष्टि सहायता योजना के तहत 39 लाभार्थियों पर 4.40 लाख का बजट खर्च हुआ।
-दुर्घटना सहायता योजना में 11 पात्रों पर 48 लाख का बजट खर्च हुआ।
-मातृत्व हितलाभ योजना के तहत 903 पात्रों पर 28.31 लाख की धनराशि खर्च हुई।
-औजार क्रय हेतु आर्थिक सहायता योजना के तहत 291 पात्रों पर 5.82 लाख की सहायता दी गई।
-साइकिल सहायता योजना के तहत 1065 श्रमिकों को 31.49 लाख की सहायता वितरित की गई।
अफसर बोले
''एक-एक करके सभी श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।विभिन्न योजनाओं से वंचित रह गए पात्रों को तलाशा जाएगा। इसके बाद उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया जाएगा।''
- शिव शंकर पाल, श्रम प्रवर्तन अधिकारी।