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चार हजार श्रमिकों के घर दूधिया रोशनी से होंगे जगमग

कन्नौज, जागरण संवाददाता : सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम के तहत श्रमिकों के हित में कई लाभकारी योजनाएं स

By Edited By: Published: Fri, 04 Sep 2015 06:21 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2015 06:21 PM (IST)
चार हजार श्रमिकों के घर दूधिया रोशनी से होंगे जगमग

कन्नौज, जागरण संवाददाता : सन्निर्माण कर्मकार अधिनियम के तहत श्रमिकों के हित में कई लाभकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। इसमें सोलर लाइट योजना भी सम्मलित हैं। इस वित्तीय वर्ष में शासन से चार हजार श्रमिकों को सोलर लाइट योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य मिला है। शीघ्र ही करीब 23 हजार लागत की सोलर लाइट वितरित की जाएगी। इससे श्रमिकों के घर दूधिया रोशनी से जगमग होंगे।

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शासन से सन्निर्माण अधिनियम के तहत मजूदरों के लिए कई योजनाएं संचालित हैं। इसमें सोलर लाइट वितरण की योजना भी शामिल है। इस बार शासन से जिले के चार हजार पंजीकृत श्रमिकों को सोलर लाइट देने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसमें अभी तक विभाग में 600 श्रमिकों ने पंजीकरण करवाकर सोलर लाइट प्राप्त करने के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा श्रमिक कार्यालय आकर आवेदन कर रहे हैं। इसमें श्रम विभाग द्वारा आवेदन करने की अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है।

100 रुपये देकर करवा सकते ऑनलाइन पंजीकरण

श्रम विभाग में अभी तक जिन श्रमिकों ने पंजीकरण नहीं करवाया है। वह शीघ्र कार्यालय पहुंचकर 100 रुपए देकर ऑनलाइन पंजीकरण करवा लें। इसमें वह अपने साथ दो फोटो, कम से 50 दिनों तक काम करने का प्रमाण पत्र लेकर जरूर साथ आए। इसके बाद भी उन्हें योजना का लाभ मिलेगा।

23,350 रुपए की मिलेगी सोलर लाइट

पंजीकृत श्रमिकों को नेडा विभाग द्वारा 23,350 रुपए कीमत की सोलर लाइट वितरित की जाएगी। इसमें उन्हें एक पैनल, 75 वाट एएच की बैटरी, 15 फुट का पोल, 15 वाट की एक एलईडी लाइट दी जाएगी। इस सोलर लाइट को श्रमिक के घर पर लगाया जाएगा। इससे उसका घर दूधिया रोशनी से जगमग हो सके। इस बैटरी की पांच वर्ष गारंटी होगी। खराब होने पर उसे तुरंत ही बदल दिया जाएगा।

एक बार लाभ पाने पर दोबारा नहीं मिलेगा लाभ

सोलर लाइट या साइकिल वितरण का लाभ पाने वाले श्रमिक को दोबारा लाभान्वित नहीं किया जाएगा। श्रम विभाग द्वारा सही ढंग से सत्यापन करने के बाद ही लाभार्थी का विभिन्न योजनाओं के लिए चयन किया जाएगा। इससे पात्र को ही योजना का लाभ मिले।

- शिवशंकर पाल, जिला श्रम प्रवर्तन अधिकारी।


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