पैमाने की जांच का नहीं कोई 'पैमाना'
कन्नौज, जागरण संवाददाता : दिन पर दिन बढ़ रहे लाइन लॉस को रोकने की कवायद में जुटे बिजली विभाग ने चे¨क
कन्नौज, जागरण संवाददाता : दिन पर दिन बढ़ रहे लाइन लॉस को रोकने की कवायद में जुटे बिजली विभाग ने चे¨कग अभियान चलाया। इस दौरान विभाग की ओर से ताबड़तोड़ पुराने मीटर बदलकर नये मीटर लगाए जा रहे हैं। विभाग द्वारा लगाए गए इन नये मीटरों के ज्यादा तेज चलने की शिकायत आने लगी हैं। सैकड़ों उपभोक्ता इस समस्या को दूर करवाने के लिए बिजली विभाग के चक्कर काट रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। यह मीटर सही हैं या खराब हैं, इसको जांचने के लिए जिले में कोई व्यवस्था नहीं हैं।
कन्नौज जिले का लाइन लास 70 फीसद तक पहुंच गया था। शासन की फटकार के बाद बिजली विभाग पिछले डेढ़ माह से जिले भर में ताबड़तोड़ बिजली चे¨कग अभियान चला रहा है। लइनलॉस को मैनेज करने के लिए विभागीय अधिकारियों ने नायाब तकनीक ढूंढ़ निकाली है। चे¨कग के दौरान विभाग ताबड़तोड़ बिजली के मीटर बदल रहा है। अब तक अभियान में कन्नौज शहर में 4435 मीटर बदले जा चुके हैं। इसमें इलेक्ट्रानिक मीटर भी शामिल हैं। इन नये मीटरों के आधार पर जब उपभोक्ताओं का बिल आना शुरु हुआ तो यह डेढ़ से दो गुना बिल था। उपभोक्ताओं का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने तेज चलने वाले मीटर लगवा दिए हैं। इस कारण उन्हें कम बिजली उपयोग करने के बावजूद अधिक बिल भरना पड़ रहा है।
जिले में नहीं कोई जांच के साधन
जिले में मीटर वर्कशॉप है ही नहीं। इस कारण उपभोक्ताओं का तेज मीटर चलने का संशय दूर करने के लिए बिजली विभाग के पास कोई संसाधन नहीं है। जब ज्यादा हो हल्ला कटता है तो बिजली विभाग के अधिकारी एक मास्टर मीटर लगाकर उपभोक्ता को संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। मास्टर मीटर सही चल रहा है, इसकी भी कोई गारंटी किसी के पास नहीं है। ऐसे में उपभोक्ता की शंका बरकरार है।
व्यापारी छेड़ेंगे आंदोलन
अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष अनिल गुप्ता ने कहा कि बिजली चोरी और लाइन हानियों को रोकने में नाकाम बिजली विभाग के अधिकारी सामान्य लोगों से ज्यादा राजस्व वसूल कर अपने को सुरक्षित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि बिजली विभाग ने इस तरह से मीटर नहीं हटवाए तो उसके खिलाफ वृहद आंदोलन छेड़ा जाएगा।
मीटर री¨डग के वक्त मौजूद हों उपभोक्ता
छिबरामऊ के व्यापारी नेता राजीव दुबे ने कहा कि घरों के बाहर मीटर लगवा दिए हैं। ऐसे में मीटर री¨डग लेने आने वाले लोग बगैर बताए मनमाने तौर पर री¨डग दर्ज कर रहे हैं। बाद में उपभोक्ता उसे दुरुस्त कराने के लिए बिजली विभाग के चक्कर काट रहा है। मीटर रीडर को उपभोक्ता के सामने मीटर री¨डग लेनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की जाएगी।
नये मीटर संवेदनशील हैं, इस कारण उपभोक्ताओं को लगता है कि वह तेज चलते हैं। मीटर बिल्कुल सही है। यदि किसी उपभोक्ताओं को दिक्कत होती है तो मास्टर मीटर लगाकर जांच की जाती है।''
- पी. राम, अधिशासी अभियंता, विद्युत।