कागज में 4 घंटे से ज्यादा नहीं कटती बिजली
छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी विद्युत विभाग व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर स
छिबरामऊ, संवाद सहयोगी : करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी विद्युत विभाग व्यवस्थाओं में सुधार नहीं कर सका है। शटडाउन और ब्रेक डाउन में घंटों आपूर्ति बाधित रहती है। एक भी दिन ऐसा नहीं गुजरा है जिस दिन किसी भी फीडर को निर्बाध आपूर्ति मिल सकी हो। इसके बाद भी विभाग के आंकड़ों में 23 घंटे तक आपूर्ति के दावे हैं।
वीआईपी जनपद में विद्युत व्यवस्था को चाक चौबंद करने के लिए शासन ने करोड़ों रुपए का बजट जारी किया था। ताकि जर्जर मशीनों को और लाइनों को बदलवा कर लोगों को निर्बाध आपूर्ति उपलब्ध करवाई जा सके। नगर में एक 33/11 केवीए नवीन माडल उपकेंद्र का निर्माण भी करवाया गया। अब यहां पर शहर व ग्रामीण क्षेत्रों को आपूर्ति देने के लिए दो उपकेंद्र हो गए हैं। पुराने उपकेंद्र पर भी जर्जर मशीनों को बदलवा कर नई मशीनों की स्थापना करवाई जा चुकी हैं। वहीं शहर की भी जर्जर विद्युत लाइनों को बदलने का काम किया गया। करोड़ों रुपए का बजट खर्च होने के बाद भी शासन की मंशा के अनुरूप लोगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मुहैया नहीं कराई जा सकी है। इस समय चे¨कग के चलते नगर को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति 220 केवीए विद्युत उपकेंद्र से उपलब्ध करवाई जा रही है। विद्युत विभाग की लाग बुक के अनुसार एक भी दिन ऐसा नहीं है, जिस दिन किसी भी एक फीडर को 24 घंटे आपूर्ति उपलब्ध कराई जा सकी हो। लाग बुक के आंकड़ों में भी कर्मचारी खेल करने में जुटे रहे थे। कई बार तो शट डाउन का समय लाग बुक में अंकित ही नहीं किया जाता। प्रतिदिन 4 से 5 घंटे की कटौती होती है, लेकिन आंकड़ों में सब दुरुस्त है।
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फीडर को दी जाने वाली सप्लाई लागबुक में अंकित की जाती है। इसमें गड़बड़ी नहीं की जा सकती।
सुधांशू श्रीवास्तव, एसडीओ
फीडरों को दी गई आपूर्ति का विवरण
तिथि फीडर 1 फीडर 2 फीडर 3
20अगस्त 21 22 21
21अगस्त 22 23 20
22अगस्त 20 18 21
23अगस्त 23 16 22
24अगस्त 22 22 22
25अगस्त 20 20 21
26अगस्त 22 22 20
27अगस्त 23 21 20
नोट : आपूर्ति घंटों में हैं।