बच्चों को प्राचीन धरोहर पहचानना बहुत आवश्यक
कन्नौज, जागरण संवाददाता : जनपद के छात्र-छात्राओं को प्राचीन धरोहरों को पहचानना बहुत आवश्यक है। इसके
कन्नौज, जागरण संवाददाता : जनपद के छात्र-छात्राओं को प्राचीन धरोहरों को पहचानना बहुत आवश्यक है। इसके लिए जनपद के सभी विद्यालयों के छात्र इस प्रदर्शनी को अवलोकित करें, जिससे वह जनपद के इतिहास को और करीब से जान सके।
यह निर्देश जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने मुख्य विकास अधिकारी को दिए। बुधवार को वह विश्व धरोहर सप्ताह के अंतर्गत पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संग्रहालय में चित्र प्रदर्शनी के शुभारंभ मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्राचीन लोग कितने विद्वान हुआ करते थे, जिन्होंने ऐसे चित्रण किए। आखिर उनके विचारों का कुछ तो आधार रहा ही होगा। डीएम ने कहा कि प्राचीन काल में न तो कंप्यूटर और न आधुनिक मशीनें थी, फिर भी उन्होंने आज की अपेक्षा अधिक विद्वान थे। पुरातत्व विभाग आगरा मंडल के अधीक्षक नौरतन पाठक ने कहा कि यह चित्र प्रदर्शनी 19 नवंबर से 25 नवंबर तक लगेगी। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी का अवलोकन जिले के सभी अधिकारी, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं कर सकते हैं। यह शाम तक खुली रहेगी। डीएम ने इस चित्र प्रदर्शनी के आयोजन की श्री पाठक को बधाई दी। इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी उदय राज यादव, एसडीएम सुनील कुमार शुक्ला समेत पुरातत्व विभाग के जुड़े अफसर व कर्मी मौजूद रहे।
पुरातत्व संग्रहालय में इनकी लगी चित्र प्रदर्शनी
अजंता, एलोरा की गुफाएं, रॉची के बौद्ध स्मारक, महाबोधि मंदिर, महावलीपुरम तमिलनाडू, खजुराहो, पट्टदल समूह, वृहदीश्वर मंदिर राजस्थान, हम्पी स्मारक कर्नाटक, चम्पानेर गुजरात, हुमायूं का मकबरा, बुलंद दरवाजा, गोवा का गिरजाघर, ताजमहल, लालकिला, जन्तर-मंतर, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, संकिसा, जयचंद्र किला, मकबरा वालापीर, मदन मोहन मंदिर वृंदावन, जुगुल किशोर मंदिर, चीनी का रोजा, रोमन कैथोलिक चर्च मेरठ आदि चित्र प्रदर्शित किए गए।