पांच आंगनबाड़ी कार्यकत्री व चार सहायिकाओं का मानदेय रोका
कन्नौज, जागरण संवाददाता : जिले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति दयनीय है। किसी केंद्र पर ताला लटका है, तो कहीं केंद्र सहायिकाओं के भरोसे चल रहें हैं। वृहस्पतिवार को विभागीय औचक निरीक्षण में कई केंद्रों की स्थिति काफी बदरंग नजर आई। आठ केंद्रों के निरीक्षण में दो केंद्र बंद मिले। जबकि अन्य छह केंद्रों की हालत बहुत खराब दिखी। निरीक्षण में गायब रहने पर पांच आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और चार सहायिकाओं का मानदेय रोक दिया गया है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी डीपी सिंह ने उमर्दा ब्लाक के आठ आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में प्राथमिक विद्यालय रामपुर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री गिरिजा देवी अनुपस्थित मिलीं। जबकि सहायिका सुशीला 22 बच्चों के साथ केंद्र में मौजूद रहीं। बिनौरा प्रथम का केंद्र निरीक्षण के दौरान बंद मिला। यहां के शिक्षक मनोज सिंह ने बताया कि केंद्र पर मुख्य सेविका कभी देखने नहीं आती हैं। यही हाल लोहराना आंगनबाड़ी केंद्र का रहा है। केंद्र पर ताला लगा मिला। इसके बाद टीम ने गहसौनापुर केंद्र का औचक निरीक्षण किया। केंद्र पर सहायिका 35 बच्चों के साथ मौजूद रहीं। जबकि केंद्र पर कार्यकत्री के अवकाश का प्रार्थना पत्र मिला। भुनियापुर आंगनबाड़ी केंद्र पर कार्यकत्री रेखा देवी 15 बच्चों के साथ मिलीं। सहायिका केंद्र पर नहीं रही। इसके बाद टीम बलनपुर आंगनबाडी केंद्र पहुंची तो सहायिका केंद्र पर रही। वहीं कार्यकत्री पुष्पा देवी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली। करीब 11.30 बजे टीम ने बिधई पुरवा केंद्र का निरीक्षण किया। केंद्र पर 56 पंजीकृत बच्चों में केवल 15 बच्चे मौजूद रहे। बाल विकास अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण के दौरान किसी भी केंद्र पर पोषाहार व अन्य खाद्य सामाग्री नहीं देखने को मिली। साथ ही केंद्रों पर बच्चों की पंजीकृत संख्या के सापेक्ष इनकी संख्या बहुत कम मिली। बाल विकास अधिकारी ने बताया कि निरीक्षण में गायब मिली कार्यकत्रियों व सहायिकाओं का मानदेय रोक दिया गया है। स्पष्टीकरण देकर जवाब तलब किया गया है। संतोषजनक जबाव न मिलने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।