डीएम के फर्जी हस्ताक्षर बनाने वाले पर मुकदमा
कन्नौज, जागरण संवाददाता : जिलाधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर सरकारी विभागों को चूना लगाने की जांच हुई तो खुद को जनसेवक बताने वाले युवक का नाम उभरकर सामने आया। जांच रिपोर्ट आने के बाद डीएम के निर्देश पर धोखाधड़ी करने वाले इस युवक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि अत्याचार उत्पीड़न योजना के तहत पीड़ित परिवार को डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन दिल्ली के तहत सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। सहायता राशि की सात चेकें विभाग को मिल चुकी हैं। इनका वितरण डीएम राजेश कुमार के द्वारा होना है। इसके साथ ही पांच आवेदन पत्र कमियों के चलते दोबारा जांच के लिए भेज दिए गए। समाज कल्याण अधिकारी को प्रपत्रों की जांच के दौरान डीएम के हस्ताक्षर संदिग्ध लगे। विभाग द्वारा मामला डीएम के संज्ञान में लाया गया। डीएम ने भी प्रपत्रों पर अपने हस्ताक्षर होने से इंकार कर दिया। डीएम के निर्देश पर एडीएम के नेतृत्व में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई। विभिन्न लाभार्थियों से जांच के दौरान यह पाया गया कि सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने छिबरामऊ का राजेश गिहार पैसा लेकर काम करवाता है। चौंकाने वाली बात यह है कि अधिकांश आवेदन फार्मो पर अन्य जांच अधिकारियों के हस्ताक्षर सही पाए गए। केवल डीएम के ही हस्ताक्षर फर्जी मिले। ऐसे में यह सवाल उठता है कि तहसील स्तर के अधिकारी आवेदन पत्रों को सीधे जालसाज को ही दे देते थे। जबकि नियम के मुताबिक एक सिस्टम से लाभार्थियों की फाइल जिला प्रशासन को प्राप्त होती है। बताया जाता है कि जालसाजी का आरोपी सपा की राजनीति में भी सक्रिय है। इसी के बल पर तहसील स्तर के अधिकारियों से सीधे फाइल लेकर डीएम के फर्जी हस्ताक्षर करके सहायता राशि के लिए फाउंडेशन को भेज देता रहा है। डीएम के आदेश पर जालसाज राजेश कुमार गिहार के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला पंजीकृत कराया गया है। उधर सपा जिला अध्यक्ष मुन्ना दरोगा ने कहा कि राजेश गिहार नाम का कोई व्यक्ति उनके दल में सदस्य तक नहीं है।