सुगंध के आयात-निर्यात पर रवांडा करेगा भारत से वार्ता
कन्नौज, जागरण संवाददाता : इत्र की महक से भारत और रवांडा के बीच व्यापारिक संबंध और प्रगाढ़ होंगे। रवांडा इत्र सहित अन्य कई महत्वपूर्ण औषधीय व सुंगध से जुड़े पौधे एवं पदार्थो के बेहतर आयात व निर्यात के पक्ष में है। इसके लिए रवांडा भारत सरकार से वार्ता के सार्थक पहल करने को तैयार है। यह बात भारत में तैनात रवांडा के उच्चायुक्त अरनेस्ट रमावाइको ने सुगंध एवं सरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) में आयोजित आईटीईसी के विशेष मासिक प्रशिक्षण का जायजा लेते हुए कही।
शुक्रवार को रवांडा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी व भारत में तैनात उच्चायुक्त ने एफएफडीसी में चल रहे विशेष मासिक प्रशिक्षण का जायजा लिया। एफएफडीसी में रवांडा के तीस प्रशिक्षणार्थी सुगंध का विशेष मासिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। रवांडा के उच्चायुक्त से मिलकर वहां के प्रशिक्षणार्थी खुशी से झूम उठे। लंबे समय तक रवांडा उच्चायुक्त भारत के युवाओं से इत्र की जानकारी लेते रहे। रवांडा के उच्चायुक्त ने प्राकृतिक सुंगन्धित तेलों से उच्च गुणवत्ता के आधुनिक सुगंध बनाने के लिए भारत से पारस्परिक संबंध बेहतर बनाने पर जोर देने को कहा। उन्होंने प्रशिक्षण परिसर में लगे विभिन्न प्रकार के सुगंध से जुड़े पौधों को नजदीक से देखा और समझा। कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सुगंध की गुणवत्ता पर काफी जोर है। इसलिए इसके विपणन की असीम संभावनाएं हैं। इसके साथ ही रवांडा में पाए जाने वाले प्राकृतिक सुगंधित पौधों के तेलों को उच्च गुणवत्ता में परिवर्तित करने पर विचार-विमर्श किया। एफएफडीसी के प्रधान निदेशक एसवी शुक्ला ने रवांडा के उच्चायुक्त को प्राकृतिक सुगंध के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही रवांडा के बाजारों में सुगंध का व्यापार बढ़ाने के लिए व्यापक चर्चा की। इस दौरान रवांडा के उच्चायुक्त ने भारत के साथ सुगंध के साथ अन्य प्राकृतिक वस्तुओं के आयात व निर्यात को बेहतर बनाने की बात कही। इसके लिए वह भारत सरकार से सकारात्मक बातचीत करेंगे। प्रशिक्षणार्थियों ने उच्चायुक्त को बताया कि इस समय रवांडा में सुगंध की सीमित खेती हो रही है। इस प्रशिक्षण के बाद वहां भी बदलाव आएगा। इस दौरान कई विभागीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।