मौसम जनित बीमारी के लिए खुला कंट्रोल रूम
कन्नौज, जागरण संवाददाता : बेतहाशा उमस भरी गर्मी के मौसम में संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा पनप रहा है। खासतौर पर शहरी इलाके की मलिन बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में यह खतरा ज्यादा है। इन हालातों को देखते हुए चिकित्सा विभाग ने कंट्रोल रूम की स्थापना की है। जहां बीमारी फैलने की स्थिति में तत्काल सूचना दी जा सकती है।
इन दिनों उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं। आसमान में कुछ देर बादल छाते हैं तो गर्मी से लोग राहत महसूस करते हैं, लेकिन कुछ ही देर में तेज धूप के कारण उमस पैदा हो रही है। ऐसे मौसम में जरा सी लापरवाही पर संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा पैदा हो रहा है। कुछ इलाकों में संक्रामक रोग फैलने भी लगे हैं। इसकी पुष्टि जिला अस्पताल व अन्य अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या कर रही है। इन दिनों अस्पतालों में उल्टी-दस्त, हीट स्ट्रोक आदि के मरीजों की संख्या ज्यादा है। ऐसे हालातों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इस कंट्रोल रूम से 05694-235737 पर संपर्क किया जा सकता है। सीएमओ डा. पीएन बाजपेई ने मौसम जनित बीमारियों को देखते हुए सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को दिशा निर्देश दिए। इसके अलावा सीएमओ कार्यालय पर एक विशेष टीम भी गठित की गई है। जिसमें दो चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, चार पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात किया गया है। सीएमओ ने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में ज्यादा सतर्कता बरतें।
गर्मी के मौसम में क्या करें-
- हमेशा इंडिया मार्का हैंडपंप के पानी को पीने में प्रयोग करें।
- हल्का सुपाच्य एवं ताजा भोजन का सेवन करें और हमेशा भोजन को ढककर रखें।
- हमेशा साफ शुद्ध पेय पदार्थो का सेवन करें एवं एक्सपाइरी डेट अवश्य जांच लें।
- जहां तक संभव हो सुबह एवं शाम को घर से निकले। दोपहर में शरीर एवं सिर को ढककर निकलें एवं फुल कपड़े पहनकर बाहर निकलें।
- उल्टी दस्त एवं हीट स्ट्रोक या लू लगने पर निकटतम अस्पताल में उपचार कराएं।
क्या न करें-
- नल के आसपास गंदगी एवं पानी को इकट्ठा न होने दें।
- बासी भोजन का सेवन न करें एवं भोजन को खुला न रखें।
- बाजार की सड़ी-गली फल सब्जियों एवं कटे फल तथा सड़े फलों का सेवन न करें। खुली रखी हुई चाट, मिठाइयां एवं खोये से बनी हुई मिठाइयों से बचें।
- दूषित पेय पदार्थो एवं खुले रखे गन्ने के रस का सेवन न करें।
- जहां तक संभव हो धूम में 11 बजे से शाम 4 बजे तक निकलने से बचें। खाली पेट धूप में न निकलें।
- डिग्री धारक चिकित्सक से ही इलाज कराएं।