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दुस्साहस : पुलिस चौकी के सामने तोड़ा कार का काँच

झाँसी : पुलिस का इकबाल बदमाशों के बीच में कितना बुलन्द है, इसकी बानगी भर है पुलिस चौकी के सामने खड़ी

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Aug 2017 01:24 AM (IST)Updated: Thu, 10 Aug 2017 01:24 AM (IST)
दुस्साहस : पुलिस चौकी के सामने तोड़ा कार का काँच
दुस्साहस : पुलिस चौकी के सामने तोड़ा कार का काँच

झाँसी : पुलिस का इकबाल बदमाशों के बीच में कितना बुलन्द है, इसकी बानगी भर है पुलिस चौकी के सामने खड़ी कार। भीड़भाड़ वाली सड़क किनारे खड़ी कार का बदमाश ने काँच काटा और उसमें रखा बैग ले गए, जिसमें फाइलों के साथ लैपटॉप रखा था। बदमाश सीसीटीवी कैमरे में तो ़कैद हो गया, लेकिन सलाखों के पीछे कब होगा, यह तो आने वाला समय ही तय करेगा।

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लूट की कई वारदातें अभी खुली नहीं हैं। वाहन चोरी का क्रम जारी है। ऐसे में आज एक बदमाश ने पुलिस को एक और बड़ी चुनौती दे दी। दिनदहाड़े विश्वविद्यालय पुलिस चौकी के सामने सड़क किनारे खड़ी कार का शीशा तोड़कर बैग ले जाकर। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबन्धन संस्थान के असोसिएट प्रोफेसर डॉ. प्रतीक अग्रवाल ने पुलिस चौकी में जाकर बताया कि वह कार (यूपी 93 एएन 4890) से पुलिस चौकी के बगल की होटल में चल रहे एक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। कार को पुलिस चौकी के पास खाली जगह पर पार्क कर दिया था। कार्यक्रम समाप्त होने पर अपराह्न लगभग 11.45 बजे वह कार के पास पहुँचे, तो ड्राइवर साइड का शीशा टूटा था और पीछे वाली सीट पर रखा उनका बैग गायब था, जिसके अन्दर विभाग से सम्बन्धित फाइलें और छोटा लैपटॉप रखा था। उन्होंने पुलिस को सूचना देने के बाद बदमाश की तलाश अपने एक साथी की मोटरसाइकिल से की। पिछोर, गुमनावारा के बाद वह सखी के हनुमान मन्दिर से होते हुए वापस घटना स्थल पर आ रहे थे, तभी उनको एक व्यक्ति बैग ले जाता दिखायी दिया। उन्होंने उसको पकड़कर पुलिस के सुपुर्द कर दिया। उस व्यक्ति ने बताया कि वह कचरा बीनकर भरण पोषण करता है। यह बैग उसको मेडिकल कॉलिज के पीछे रखे कचरे एक डिब्बे के अन्दर मिला। इस बात में कितनी सच्चाई है, इसको परखने के लिए डॉ. प्रतीक अग्रवाल पुलिस के साथ मेडिकल कॉलिज के गेटों पर लगे सीसीटीवी कैमरे को देखने के लिए कण्ट्रोल रूम में पहुँचे। यहाँ गेट नम्बर एक से बदमाश हाथ में बैग लेकर पैदल जाता साफ ऩजर आ रहा है। इस पर पुलिस ने कचरा बीनने वाले को छोड़ दिया। साथ ही तहरीर पर मुकदमा भी दर्ज नहीं किया।

बैग मिलने पर आयी जान में जान

प्रोफेसर डॉ. प्रतीक ने बताया कि सुरक्षित स्थान और कार का दरवा़जा लॉक होने के बाद भी जब उनके विभाग की महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गयी, तो वह परेशान हो गए थे। जब बैग मिल गया, तो जान में जान आयी। उन्होंने बताया कि बदमाश ने बैग में फाइलें तो देखी और सम्भवत: उसको अन्दर रखा लैपटॉप ऩजर नहीं आया, जिस पर वह बैग को ले गया। यह खुश किस्मती थी कि कचरा बीनने वाला उसको ले जा रहा था और वह रास्ते में मिल गया। वरना वह बैग की फाइलों को रद्दी के भाव बेच देता।

बदमाश की पहचान उ़जागर

झाँसी : जिस बदमाश ने घटना को अंजाम दिया, वह सीसीटीवी कैमरे में सा़फ ऩजर आ रहा है। उल्टे हाथ में वह बैग लिए था, तो उसके सीधे हाथ में जले का निशान है। उसका हुलिया भी सा़फ दिखायी दे रहा है। ऐसे में बदमाश को खोजने में पुलिस को अधिक मशक्कत नहीं करनी होगी।


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