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कुलपति कार्यालय के पीछे चहारदीवारी गिरी

झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन स्थित कुलपति कार्यालय के ठीक पीछे स्थित चहारदीवार

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 12:21 AM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 12:21 AM (IST)
कुलपति कार्यालय के पीछे चहारदीवारी गिरी
कुलपति कार्यालय के पीछे चहारदीवारी गिरी

झाँसी : बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन स्थित कुलपति कार्यालय के ठीक पीछे स्थित चहारदीवारी आज अपराह्न गिर गयी। इससे दीवार की चपेट में आने से नया जेनरेटर क्षतिग्रस्त हो गया। बरसात से हुई मिंट्टी के क्षरण व नाली चोक होने से गिरी चहारदीवारी के बाद उसके पास बन रहा निर्माणाधीन भवन भी इसके घेरे में आ गया है।

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बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के प्रशासकीय भवन के पीछे बिजली की आपूर्ति का पावर हाउस बनाया गया है। इसके लिए ट्रांस्फॉर्मर व जेनरेटर रखे हुए हैं। इसके पास ही ऊपर की तरफ पहाड़ी पर रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के अनुदान से एनीमल हाउस के लिए भवन बन रहा है। भवन निर्माण के दौरान हुई कार्य से चहारदीवारी के पास बनी नाली चोक हो गयी। आज अपराह्न हुई बरसात से पानी का रिसाव बढ़ गया और मिंट्टी का क्षरण होने लगा। पानी के रिसाव व मिंट्टी के क्षरण से चहारदीवारी ढह गयी, जिससे जेनरेटर के लिए बनाया गया टीनशेड व जेनरेटर दीवार की चपेट में आ गया। इससे लाखों रुपए ़कीमत का जेनरेटर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस बीच, मिंट्टी का क्षरण ते़ज होने से निर्माणाधीन भवन एनीमल हाउस की सुरक्षा भी ख़्ातरे में आ गयी। चहारदीवारी गिरने की सूचना पर कुलसचिव प्रो. एसपी सिंह तकनीकि जानकारों के साथ निर्माणाधीन भवन पर पहुँचे और बन्द की गयी नालियों की स़फाई कराने को कहा। उन्होंने बताया कि निर्माणाधीन भवन के आसपास हो रही मिंट्टी के क्षरण को रोकने के उपायों को लेकर जियो टैक्निकल जाँच करायी जाएगी।

बीआइईटी को मिले 15 करोड़

झाँसी : प्रदेश के प्राविधिक शिक्षा विभाग की परियोजनाओं का सामूहिक लोकार्पण आज लखनऊ में मुख्यमन्त्री ने किया। इसका सजीव प्रसारण व स्थानीय स्तर पर कार्यक्रम यहाँ सदर विधायक के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया।

बुन्देलखण्ड अभियान्त्रिकी व प्रौद्योगिकी संस्थान सभागार में लखनऊ में हुए लोकार्पण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण विधायक सदर रवि शर्मा के मुख्य आतिथ्य में हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि ने कहा कि पिछले सरकारों की गलत नीतियों व दी गयी शिक्षा ने युवाओं को इंजीनियर तो बना दिया, लेकिन रो़जगार नहीं दिया जा सका। इससे युवा अवसाद का शिकार हो रहे हैं। प्रधानमन्त्री व मुख्यमन्त्री के नेतृत्व में अब तकनीकि शिक्षा को रोजगार परक बनाने तथा तकनीकि महाविद्यालयों को अपग्रेड करने के प्रयास शुरू हुए हैं। बीआइईटी की स्थापना इस अंचल के लिए गौरव की बात है और इसके उत्थान के लिए वह पूरी मदद करने को तत्पर हैं। अध्यक्षता कर रहे प्रशासकीय परिषद बीआइईटी के चेयरमैन इं. राकेश गुप्ता ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलिज के स्तर का आकलन उसके प्लेसमेण्ट की स्थिति से होता है। इसीलिए सबसे पहले रो़जगार के अवसर बढ़ाने के लिए कार्य करने की ़जरूरत है। बीआइईटी में नियमित फैकल्टि की संख्या बढ़ाए जाने का कार्य किया जाएगा। संस्थान में बुन्देलखण्ड की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऐग्रिकल्चर व माइंस इंजीनियरिंग विभाग खुलवाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रभारी निदेशक प्रो. मनोज कुमार गुप्ता ने बताया कि संस्थान को दीनदयाल उपाध्याय गुणवत्ता सुधार योजना के तहत सरकारी इंजीनियरिंग कॉलिज में सुधार किया जाना है। इस योजना के तहत बीआइईटी को 15 करोड़ रुपए मिलेंगे। इसकी पहली किश्त आज मुख्यमन्त्री द्वारा संस्थान निदेशक डॉ. वीके त्यागी को लखनऊ में दी गयी है। इस योजना से सौर ऊर्जा का संयन्त्र स्थापित करने के साथ हॉस्टल के जीर्णोद्धार व मॉडर्न किचिन बनाने का कार्य किया जाएगा। डॉ. डीके श्रीवास्तव ने संचालन व डॉ. एके निगम ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर समाजसेवी रामनरेश तिवारी, राकेश भार्गव के साथ संस्थान के वरिष्ठ सदस्य डॉ. मुकेश शुक्ला, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. डीसी धुवकारिया, डॉ. यशपाल सिंह, डॉ. सुमन यादव, डॉ. शहनाज अयूब आदि उपस्थित रहे।


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