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स्टेनो के आइएसआइ के सम्पर्को की तलाश जारी

झाँसी : एसडीएम सदर कार्यालय से सेना के गोपनीय दस्तावे़ज को आइएसआइ को भेजने के दोषी पाए गए एडीएम (न्य

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 12:19 AM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 12:19 AM (IST)
स्टेनो के आइएसआइ के सम्पर्को की तलाश जारी
स्टेनो के आइएसआइ के सम्पर्को की तलाश जारी

झाँसी : एसडीएम सदर कार्यालय से सेना के गोपनीय दस्तावे़ज को आइएसआइ को भेजने के दोषी पाए गए एडीएम (न्याय) के स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार अपने ही बयानों में उलझ गया है। उस पर जाँच का दायरा और बढ़ता जा रहा है। अब उसके आइएसआइ से सम्पर्को की तलाश की जा रही है।

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आतंकवाद निरोधक टीम (एटीएस) की जाँच में सेना के गोपनीय दस्तावे़ज को लीक करने का दोषी पाया गया स्टेनो राघवेन्द्र अहिरवार एसडीएम सदर के यहाँ जुलाई 2009 से जुलाई 2017 तक तक पदस्थ रहा। उसके बयान व व्यवहार को लेकर गुत्थी उलझती जा रही है। एटीएस की पूछताछ में अपने बचाव में दिया गया तर्क ही उसे कटघरे में खड़ा कर रहा है। एसडीएम स्टेनो के लगभग 9 वर्ष के कार्यकाल के दौरान लगभग 16 अफसरों ने एसडीएम का कार्यभार सँभाला। उसने शुरूआती कार्यकाल के दौरान एक एसडीएम के मौखिक आदेश को सूचना देने का आधार बताया है, लेकिन वह इन 9 वर्षो में डेढ़ दर्जन एसडीएम को अँधेरे में रखने का कारण नहीं बता पा रहा है। वह सूचना देने का किसी अफसर का कोई लिखित आदेश नहीं बता पाया है। जानकार बताते हैं कि किसी अफसर के मौखिक आदेश उसके जाने के बाद निष्प्रभावी हो जाते हैं, तो फिर लगभग 15 एसडीएम के कार्यकाल के दौरान वह पुराने मौखिक आदेश को क्यों मानता रहा? मामला जब सेना की गोपनीय दस्तावे़ज से जुड़ा था, तो फिर स्टेनो ने मौखिक आदेश क्यों माना? इन सवालों के जवाब ने स्टेनो के खिलाफ शक को पुख्ता कर दिया है। इसीलिए एटीएस ने अपनी तकनीकि जाँच जारी रखने का फैसला किया है, जिसमें इण्टरनैशनल कॉल की जाँच की जाएगी। इसी कॉल के आधार पर स्टेनो के आइएसआइ से सम्पर्को की पूरी जानकारी मिल पाएगी।

लेन-देन व सम्पत्ति पर भी ऩजर

एटीएस की जाँच में सेना की गोपनीय दस्तावे़ज की सूचनाएं लीक करने के बदले हुए लेनदेन की जाँच जारी है। एटीएस पहले से ही हवाला के माध्यम से लेनदेन होने को लेकर आगे बढ़ रही है। अब स्टेनो की अपनी सम्पत्ति के साथ रिश्तेदारों की सम्पत्ति भी ऩजर में है। इसीलिए स्टेनो के नजदीकी रिश्तेदारों की जानकारी एटीएस ने की है। अब जनपद में राजस्व अभिलेख भी खँगाले जा रहे हैं। पूरे परिवार की आय के आधार पर आकलन किया जा रहा है और इसके आधार पर सम्पत्ति का आकलन भी किया जाएगा। इस तरह एटीएस ने जाँच का दायरा अब बढ़ा दिया है।

कम धाराओं को लेकर चर्चा

एटीएस की जाँच में दोषी पाए गए स्टेनो पर लगी धाराओं को लेकर भी आज चर्चा होती रही। उस पर शासकीय दस्तावे़ज लीक करने की धाराओं को प्रमुखता दी गयी है, जबकि सेना के गोपनीय दस्तावे़ज की सूचना इण्टरनैशनल कॉल पर देने को लेकर एटीएस ने चुप्पी साध ली है। इसको लेकर कई संगठनों में नारा़जगी भी देखी जा रही है।

दहशत में कलेक्टरेट के कर्मचारी

आज दो दिन के अवकाश के बाद कलेक्टरेट कार्यालय खुले। एटीएस की जाँच में दोषी पाए गए एडीएम (न्याय) के स्टेनो की सूचना आज प्रत्येक पटल पर चर्चा का विषय बनी रही। एटीएस की तकनीकि जाँच तथा पिछले 9 वर्ष के कार्यकाल में तैनात रहे एसडीएम की भूमिका की जाँच जारी रहने को लेकर दहशत भी रही। कर्मचारियों को आज भी कार्यालय में एटीएस की चहलकदमी समझ में आयी, लेकिन सीधे तौर पर किसी से पूछताछ नहीं की गयी। इस तरह पूरे कलेक्टरेट में आज दहशत व सन्नाटे की स्थिति ऩजर आयी। अभी तक मोबाइल में किसी की भी कॉल उठाने वाले कर्मचारी अब अनजान कॉल को रिसीव करने से बचते रहे। इधर, दोषी स्टेनो आज कुछ देर के लिए कलेक्टरेट पहुँचा और अपने पटल पर भी पहुँचा। उसे निलम्बन का आदेश दोपहर बाद ही प्राप्त हुआ।

पड़ोसियों को भी हुआ अचरज

पठौरिया स्थित सेना के दस्तावे़ज लीक करने दोषी पाए गए राघवेन्द्र का आवास आज चर्चा में रहा। पड़ोसियों को भी इस पूरे घटनाक्रम के बाद अचरज हुआ। हालाँकि लगातार एसडीएम के स्टेनो रहने से वह अपने मोहल्ले में प्रभाव रखता था, लेकिन अब उसको लेकर आसपास चर्चाएं होने लगीं। पठौरिया व आसपास लोगों के बीच उसका रहन-सहन अब चर्चा में बना हुआ है।

एडीएम करेंगे विभागीय जाँच, डीएम कार्यालय से सम्बद्ध

झाँसी : दोषी स्टेनो को निलम्बित करने का मण्डलायुक्त का निलम्बन आदेश आज अपराह्न तामील करा दिया गया। स्टेनो को निलम्बित अवधि में डीएम कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है। इस पूरे प्रकरण की विभागीय जाँच के लिए एडीएम (वित्त व राजस्व) को जाँच अधिकारी बनाया गया है। एडीएम स्टेनो के कार्यकाल के दौरान दी गयी सूचनाओं तथा उसके एक ही पटल पर लगातार कार्य करने को लेकर जाँच करेंगे।


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