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'आधार' खोज निकालेगा 'गायब' बिजली उपभोक्ता

झाँसी : आधार कार्ड अब 'गायब' बिजली उपभोक्ता तलाशने के काम आएगा। बिजली विभाग ने आधार की उपयोगिता देखत

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Aug 2017 01:27 AM (IST)Updated: Fri, 04 Aug 2017 01:27 AM (IST)
'आधार' खोज निकालेगा 'गायब' बिजली उपभोक्ता
'आधार' खोज निकालेगा 'गायब' बिजली उपभोक्ता

झाँसी : आधार कार्ड अब 'गायब' बिजली उपभोक्ता तलाशने के काम आएगा। बिजली विभाग ने आधार की उपयोगिता देखते हुए सभी विद्युत संयोजनों को आधार नम्बर से लिंक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने बिना आधार कार्ड के संयोजन जारी करने पर भी रोक लगा दी है। इससे असली-ऩकली विद्युत उपभोक्ताओं की छँटनी हो जाएगी और विभाग आगे की कार्यवाही कर पाएगा।

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महानगर के दोनों नगरीय खण्ड में कम से कम 10 ह़जार ऐसे विद्युत उपभोक्ता हैं, जो गायब हैं - इनका कोई रिकॉर्ड विभाग के पास नहीं है। ऐसे उपभोक्ताओं के नाम पर बड़ी बकायेदारी भी है, जो विभागीय आँकड़ों को डरावना बना देती है। विभाग ने ऐसे उपभोक्ताओं को तलाशने के लिए सभी जतन कर लिए, पर सफलता नहीं मिल पायी। विभाग ने बिलिंग सिस्टम को बदलकर ट्रांस्फॉर्मर आधारित कर दिया, जिससे कुछ उपभोक्ता ही मिल पाए, अधिकांश 'लापता' ही हैं। प्रदेश सरकार द्वारा बकायेदारों से सख्ती से निपटने व बकायेदारी के आँकड़े को घटाने के लिए विशेष बल दिया जा रहा है, जो विभाग के अधिकारियों के लिए चिन्ता का कारण बना हुआ है। विभाग ने इस परेशानी का हल आधार कार्ड के रूप में निकाल लिया है। विभाग को पूरा भरोसा है कि यूनिक आइडी ही यह तय कर पाएगा कि कौन सही उपभोक्ता है। जो नहीं मिलेंगे, जाहिर है वे ही गायब उपभोक्ता होंगे। विभाग ने इसके लिए नये संयोजन निर्गत करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। खण्ड कार्यालयों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया है कि वे बिना आधार कार्ड की छायाप्रति के कनेक्शन फाइल को पास न करें। इसके अलावा पुराने उपभोक्ताओं से भी विभाग मोबाइल नम्बर लेने की प्रक्रिया को तकरीबन पूरा कर चुका है। उनके आधार कार्ड भी बाद में लिये जाएंगे, ताकि जिसके नाम संयोजन है, उसका यूनिक आइडी विभाग के पास आ जाए। इस प्रयोग से असली-ऩकली उपभोक्ताओं में भेद हो जाएगा। जिनके आधार कार्ड नहीं मिलेंगे, वे अपने आप चिह्नित हो जाएंगे। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए एक विशेष अभियान चलाकर उनके संयोजन का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। यदि उपभोक्ता नहीं मिलता, तो उसका नाम लिस्ट से कट जाएगा। यदि मिल जाता है, तो उससे बकाये की वसूली की जाएगी।

महानगर में बस एक लाख उपभोक्ता!

बिजली विभाग के रिकॉर्ड की बात करें, तो उनके डाटाबेस के हिसाब से महानगर में एक लाख लोग अधिकृत तौर पर विद्युत का उपयोग करते हैं - यह आँकड़ा भी सही नहीं है। इसमें ऐसे उपभोक्ता भी शामिल हैं, जिनका वर्तमान में कोई रिकॉर्ड विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। ये बस लिस्ट में ही जुड़े हैं और इनसे सम्बन्धित बकायेदारी भी। हालाँकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कनेक्शन किश्तों में या एपीएल/बीपीएल कार्ड धारकों को नि:शुल्क संयोजन देने जैसी योजनाओं से उपभोक्ताओं की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।


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