12 ह़जार पशुओं को रो़ज टीका लगाने की चुनौती
झाँसी : पशुओं को खुरपका-मुँहपका जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की 25 टीमें मैदान में
झाँसी : पशुओं को खुरपका-मुँहपका जैसी घातक बीमारी से बचाने के लिए पशुपालन विभाग की 25 टीमें मैदान में उतर आई हैं। इन टीमों को प्रतिदिन 12,500 से अधिक पशुओं को टीके लगाने की चुनौती है। हालाँकि अभियान की शुरूआती रफ्तार ने लक्ष्य पूर्ति के संकेत दे दिए हैं।
दूषित चारा खाने व सा़फ-स़फाई पर ध्यान न देने से पशुओं को खुरपका-मुँहपका जैसी घातक बीमारी घेर लेती है। इस बीमारी से पशुओं को ते़ज बुखार आने के बाद मुँह में छाले हो जाते हैं, जिसकी लार गिरने से पैरों में भी घाव हो जाते हैं। इस बीमारी की चपेट में आया पशु चारा नहीं खा पाता है, जिससे दुर्बल होने के कारण उसकी दूध उत्पादन क्षमता प्रभावित होती है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए शासन ने टीकाकरण अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। जनपद में 5.66 लाख पशुओं के टीकाकरण का लक्ष्य पशुपालन विभाग को दिया गया है। 45 दिन में लक्ष्य पूर्ति के लिए विभाग ने 25 टीमों को क्षेत्र में उतार दिया है, जो घर-घर जाकर पशुओं को टीका लगाने में जुट गई हैं। मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि अब तक 80 ह़जार पशुओं को टीका लगाया जा चुका है।
गर्भित पशुओं का टीकाकरण नहीं
शासन द्वारा इस बार नि:शुल्क टीकाकरण कराया जा रहा है। वैसे तो सभी पशुओं को टीके लगाए जाने हैं, लेकिन 8 माह की गर्भित तथा 4 माह से छोटे बच्चों को टीका नहीं लगाया जाएगा।
ये हैं बीमारी के लक्षण
0 पशुओं को 106 से 107 डिग्री तक ते़ज बुखार आता है।
0 मुँह से लार टपकने लगती है।
0 मुँह में छाले होने के कारण चारा खाना छोड़ देता है।
0 पैरों में घाव होने से पशु लँगड़ाने लगता है।
स्वच्छता अभियान की आई सुध
झाँसी : सूबे की सरकार बदलते ही शासकीय विभागों को ढाई साल पुराने स्वच्छता अभियान की सुध भी आ गई है। शासन से आए फरमान के बाद आज विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ ग्रहण कराई।
लगभग 3 साल पहले केन्द्र की सत्ता में परिवर्तन हुआ और भाजपा की सरकार बनी। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने पद सँभालते ही कई परिवर्तन किए। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की जयन्ती पर 2 अक्टूबर 2014 को प्रधानमन्त्री ने देशभर में स्वच्छता अभियान चलाने का आह्वान किया था। भाजपा शासित प्रदेशों में इस फरमान पर शिद्दत से अमल हुआ, जबकि सूबे में सपा की सरकार होने के कारण यह अभियान औपचारिकता बनकर रह गया। अब प्रदेश की सत्ता पर भी भाजपा काबिज हो गई है, तो अधिकारियों को केन्द्र सरकार की योजनाओं के साथ ही महत्वपूर्ण अभियानों की भी सुध आ गई है। सत्ता परिवर्तन के बाद शासन के निर्देश पर आज विभिन्न विभागों में स्वच्छता की शपथ ग्रहण कराई गई। लघु सिंचाई विभाग में अधिशासी अभियन्ता डीपी वर्मा के नेतृत्व में कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ ग्रहण कराई गई। कार्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जो देश स्वच्छ ऩजर आते हैं, इसका कारण वहाँ के नागरिक हैं, जो न तो खुद गन्दगी फैलाते हैं और न किसी को फैलाने देते हैं। यही परम्परा हमें भी अपनानी होगी, तभी गन्दगी से छुटकारा मिलेगा। उधर, उपायुक्त उद्योग सुधीर कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में भी कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ ग्रहण कराई गई। रोडवे़ज कार्यालय में आरएम डीवी सिंह द्वारा कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ ग्रहण कराते हुए प्रत्येक सप्ताह 2 घण्टे श्रमदान करने का आह्वान किया।
ये हैं शपथ के बिन्दु
- मैं हर वर्ष 100 घण्टे, यानी हर सप्ताह 2 घण्टे श्रमदान करके स्वच्छता के संकल्प को चरितार्थ करुँगा।
- मैं न गन्दगी करुँगा और न करने दूँगा।
- सबसे पहले स्वयं से, परिवार से, मोहल्ले से, गाँव से और कार्यस्थल से शुरूआत करुँगा।
- मैं यह मानता हूँ कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं, उसका कारण यह है कि वहाँ के नागरिक गन्दगी नहीं करते और न ही होने देते हैं।
- मैं गाँव-गाँव, गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करुँगा।
- मैं अन्य 100 व्यक्तियों से भी शपथ कराऊँगा।
- मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक ़कदम भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।